7 राज्यों में किए अध्ययन की रिपोर्ट में खुलासा, कारों, पार्किंग और फॉर्म हाऊस में शराब पी रहे हैं यु

11/29/2019 11:50:51 AM

चंडीगढ़ (अर्चना सेठी): हरियाणा के गुरुग्राम जिले में किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राज्य के युवा कारों,पार्किंग, पाक्र्स और फार्म हाऊस में शराब पी रहे हैं। अध्ययनकर्ता एजैंसी कांटार और एन.एफ.एक्स. की मानें तो प्रति व्यक्ति रेस्ट्रो बार की संख्या में कमी ऐसा करने पर मजबूर कर रही है।  यह रिपोर्ट तब सामने आई है जब हरियाणा सरकार अगले सत्र से गांवों में शराबबंदी की तैयारी कर रही है। गुरुग्राम में ऐसा करने वालों की संख्या 70 फीसदी आंकी गई है। वहीं, यह संख्या दिल्ली में 52, चेन्नई में 44, कोलकात्ता में 40 और मुम्बई में 39 फीसदी है।


एजैंसी ने 7 राज्यों में जून से लेकर सितम्बर माह के बीच 3000 लोगों पर अध्ययन किया है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शराब के वैध आउटलेट्स पर ऊंचे दाम, प्राइवेसी की कमी,खराब माहौल,बुरे चरित्र के लोगों की मौजूदगी युवाओं को ऐसा करने पर मजबूर कर रही है।


हैरतंगेज तथ्यों अनुसार 43 फीसदी लोग पहचान वालों से खुद को बचाने के लिए कानूनी परिसर की पार्किंग का आसरा लेने से भी गुरेज नहीं करते। इतनी ही संख्या के लोग करीबी दोस्तों के साथ कहीं भी एकांत में बैठकर शराब का सेवन करते हैं। शांत माहौल के साथ खाने की चीजों का सस्ता विकल्प भी कार,पार्किंग व पार्क आदि में मिल जाता है जो वैध आउटलेट्स पर संभव नहीं हो पाता है।

घर पर सेवन करती हैं 45 फीसदी महिलाएं 
अध्ययन अनुसार 45 फीसदी महिलाएं घर पर, 37 फीसदी बाहर, जबकि 18 फीसदी मौके के अनुरूप शराब का सेवन करती हैं। महिलाओं का कहना है कि असुरक्षित माहौल की वजह से शराब खरीदना असुविधाजनक है और खरीददारी में पुरुष मदद करते हैं। उस समय अलग-अलग श्रेणी की शराब देखने में मुश्किल होती है,ज्यादातर आउटलेट्स पर एम.आर.पी. से अधिक शुल्कों पर शराब बेची जाती है। कर्मचारी महिला उपभोक्ताओं के साथ खराब व्यवहार करते हैं और समय की वजह से काफी दिक्कत होती है। अधिकतर महिलाएं आउटलेट्स पर खराब चरित्र वाले लोगों के भय से कार में पीना पसंद करती हैं। ऐसे में 50 फीसदी महिलाएं रेस्तरा में पीना पसंद करती हैं। 31 फीसदी दोस्तों के घर, कार व पार्किंग में 8 फीसदी और ठेके पर सिर्फ 6 फीसदी महिलाएं शराब पीती हैं।

बढ़ रही है शराब पीने वालों की संख्या
रिपोर्ट अनुसार शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ौतरी हो रही है। समाज ने भी शराब सेवन को अपनाना शुरू कर दिया है। खुशी व त्यौहार के मौकों पर शराब को अहम माना जाने लगा है। नैशनल रैस्टोरैंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एन.आर.ए.आई.) के अध्ययन कांटार और एन.एफ.एक्स. के साथ मिलकर इस वजह से किया गया ताकि शराब सेवन में रुकावटों की जानकारी मिल सके। एन.आर.ए.आई. अध्यक्ष अनुराग कटियार का कहना है कि अध्ययन बताता है कि देश की संस्कृति में बदलाव आ रहा है। कोई परिवार डिनर के लिए बाहर जाता है तो खाने के साथ शराब परोसने वाला रेस्तरां ही पसंद आता है। कांटार के उपाध्यक्ष संदीप दत्ता और एन.एफ.एक्स. के उपाध्यक्ष अमितेश मलिक का कहना है कि शोध का उद्देश्य उन खतरों की पहचान करना था जो उपभोक्ताओं के लिए परेशानी बन रहा है। असुरक्षित माहौल कितना बुरा साबित हो रहा है यह भी जानना था। 



 

38 फीसदी युवा ही घर पर शराब पीना पसंद करते हैं
अध्ययन अनुसार देश में 38 फीसदी युवा ही घर पर शराब पीना पसंद करते हैं,जबकि 43 फीसदी बाहर पीना चाहते हैं। 19 फीसदी लोग मौके के अनुरूप शराब का सेवन करते हैं। घर से दूरी का कारण नैतिक मूल्यों के चलते प्रतिबंध,घर पर रोक, ठेकों पर असुरक्षित माहौल, महंगे खान-पान की वजह से ऐसी जगह की खोज करते हैं जहां खुद को सुरक्षित मान सकें जबकि कार आदि में सेवन कानूनी अपराध है। गुरुग्राम में 38 फीसदी युवा घर, 49 फीसदी घर से दूर,13 फीसदी मौके अनुरूप शराब पीते हैं।

कोलकाता व चेन्नई के लोग बाहर शराब पीते हैं जबकि दिल्ली के युवा अधिकतर घर पर ही शराब पीना पसंद करते हैं। दिल्ली के 47 व मुम्बई के 44 फीसदी लोग घर पर ही शराब पीना चाहते हैं जबकि दिल्ली के 36 व मुम्बई के 38 फीसदी बाहर सेवन करते हैं। रिपोर्ट कहती है कि आबकारी नीति के अंतर्गत ज्यादा आउटलेट्स को लाइसैंस देने की जरूरत है। 

Isha