सिविल अस्पताल में 6 माह की गर्भवती की मौत

8/5/2019 3:08:47 PM

पानीपत (अनुज): सिविल अस्पताल में एक 6 माह की गर्भवती की ईलाज के दौरान मौत हो गई। अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि गर्भवति उनके पास मृत हालत में आई थी। परिजनों ने महिला की मौत के बाद हंगामा किया और डाक्टरों पर समय पर इलाज न करने के आरोप लगाए। परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया और शव को घर ले गए। डाक्टरों ने मामले में पुलिस कार्रवाई करवाई है। डाक्टरों को शक है कि प्रसूता की मौत कुछ गलत खाने से हुई है। मृतका 30 जुलाई से सिविल अस्पताल में दाखिल थी।

42 वर्षीय मुन्नी पत्नी मेहरदीन निवासी अशोक विहार कालोनी 3 बच्चों की मां थी। वह अब 6 माह की गर्भवती थी। गर्भवती में खून की मात्रा 6 ग्राम ही थी। तबीयत बिगडऩे पर उसको परिजनों ने इलाज के लिए 30 जुलाई को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया था। डाक्टरों ने 31 जुलाई व एक अगस्त को उसको खून भी चढ़ाया था। डाक्टरों का कहना है कि 3 अगस्त को खून चढऩे के बाद गर्भवती को उसके परिजनों अपने घर ले गए थे।

रात को साढ़े 12 बजे गर्भवती को मृतावस्था में सिविल अस्पताल में लाया गया। जहां डाक्टरों ने कागजी कार्रवाई कर शव को परिजनों को दे दिया। वहीं परिजनों का आरोप है कि जब वे महिला को लेकर आए तो महिला जीवित थी। कई बार डाक्टरों को फोन किया गया, लेकिन रात को डाक्टर नहीं आए इसलिए उसकी मौत हो गई। मेहरदीन पेशे से मजदूर है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

लापरवाही में कई की जा चुकी जान
सिविल अस्पताल में गर्भवती महिला या फिर जच्चा की मौत का यह पहला मामला नहीं है। सिविल अस्पताल में 3 दिन पहले कच्चा कैंप निवासी एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों के अनुसार महिला को सिविल अस्पताल में डिलीवरी के लिए दाखिल कराया था। महिला की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। डाक्टरों व स्टाफ ने परिवार से किसी तरह की कार्रवाई न करवाने की बात लिखवाकर ले ली थी। 

एक साल में 19 प्रसूताओं की मौत
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डिलीवरी के दौरान एक साल में 19 महिलाओं की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग लाख कोशिशों के बाद भी जच्चा-बच्चा की मौत के मामलों को नहीं रोक पा रहा है। आज भी जिलेभर में 50 से अधिक दाइयां सक्रिय हैं। एक साल में 25 से अधिक शिशुओं की भी डिलीवरी के दौरान मौत हुई है। 
 

Edited By

Naveen Dalal