मुख्य सचिव के आदेशों को लगाया पलीता, प्रदेश के 52 लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को नहीं दी एन.ओ.सी.

11/13/2017 5:00:37 PM

चंडीगढ़(धरणी):मुख्य सचिव हरियाणा सरकार द्वारा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में स्थानांतरण आधार पर शिक्षा विभाग में कार्यरत 52 लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति किए जाने के बावजूद विभाग ने आज तक उनको कार्यभार से विमुक्त नहीं किया। इससे कर्मचारियों में रोष है। हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के राज्य प्रधान संदीप सांगवान ने कहा कि जल्द ही लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को 14 नवम्बर तक कार्यभार से मुक्त नहीं किया तो हेमसा संगठन विभाग के खिलाफ आंदोलन करेगा।सांगवान ने कहा कि मुख्य सचिव ने सभी विभागों को पत्र जारी कर लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को तबादला नीति पर सचिवालय में नियुक्ति के लिए पत्र निकाला था।


शिक्षा विभाग से काफी कर्मचारियों ने सचिव के आदेशों पर अपनी नियुक्ति सचिवालय में करवाने के लिए विभाग के मार्फत अपना प्रार्थना पत्र दिया था। सभी कर्मचारी सेवा नियमों को पूरा करते थे।सांगवान ने बताया कि सचिवालय में तबादले के बाद कर्मचारियों के प्रमोशन भी जल्द होते हैं, जबकि शिक्षा विभाग में 30 साल सेवा के बाद ही कर्मचारियों के प्रमोशन होते हैं।उन्होंने बताया कि सचिवालय द्वारा गत 23 अक्तूबर को लिस्ट जारी की गई जिसमें 15 दिन के भीतर शिक्षा विभाग के 52 कर्मचारियों को सचिवालय में अपनी एन.ओ.सी. लेने के बाद ज्वाईन करने की शर्त लगाई थी।

बावजूद इसके शिक्षा विभाग के निदेशक ने मुख्य सचिव के आदेशो को ठेंगा दिखाते हुए कर्मचारियों को एन.ओ.सी. नहीं दी, यहां तक कि कर्मचारियों को कार्यभार मुक्त करने पर भी रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। साथ ही यह भी आदेश दिए कि जिन कर्मचारियों को कार्यभार से मुक्त किया गया है उन्हें वापस उसी स्थान पर दोबारा कार्यग्रहण करवाया जाए। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 2 बार निदेशक से बातचीत भी हो चुकी है। निदेशक ने कर्मचारियों को बताया था कि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इन आदेशों पर रोक लगा दी है।