सीजन की पहली धुंध के साथ ही हुआ सर्दी का अहसास, 50 मीटर विजिबिलिटी रहने से बढ़ी परेशानी

2020-12-04T23:31:44.427

पानीपत, (संजीव नैन) : सर्दी के सीजन की पहली धुंध शुक्रवार की सुबह देखने को मिली। शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में धुंध का ज्यादा असर देखने को मिला। धुंध के कारण दृश्यता महज 50 मीटर तक पहुंच गई है। जिसके चलते वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। विशेषकर सुबह के समय आफिस व काम पर जाने वाले लोगों को मौसम की इस पहली धुंध ने अच्छा खासा परेशान किया, क्योंकि सामने से आने वाले वाहन दिखाई नहीं दे रहे थे। जिसके चलते वाहन चालकों को लाईंटें जलाकर रेंगते हुए सफर तय करना पड़ा। माना जा रहा है कि आने वाले में धुंध गहरा सकती है।
शुक्रवार को धुंध का आलम ये रहा है कि सुबह 10 बजे तक भी सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। हालांकि धुंध व ठंड से खेतीबाड़ी से जुड़े लोगों के चेहरे पर रौनक अवश्य आई है। किसानों का कहना है कि जितनी ज्यादा ठंड होगी उतना ही गेहूं की फसल में फुटाव अधिक होगा तथा सिंचाई भी ज्यादा नहीं करनी पड़ेगी। वहीं सब्जियों के लिए धुंध में विशेष सावधानी रखनी पड़ती है। वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जिन किसानों ने अभी तक गेहूं की बिजाई नहीं की है, उनके अच्छी किस्म के पछेते बीज लेकर बिजाई शुरू करनी चाहिए।
अचानक से शुरू हुई इस धुंध के पीछे क्या कारण है इसके बारे में मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कुछ समय से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया था। जिसके कारण 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंअे की रफ्तार से पूर्वी हवाएं चल रही थी। इन हवाओं के चलते से स्मॉग गायब हो गया धुंध भी अदृश्य ही थी। लेकिन  अब उत्तर महज 4 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ही पश्चिमी हवा चल रही है। जिससे आने वाले समय में धुंध बढऩे के आसार हैं। जिसके चलते ही दिसम्बर व जनवरी के महीने में जोरदार सर्दी पड़ सकती है। धुंध बढऩे से जहां आम जनजीवन पर खासा प्रभाव पड़ेगा वहीं बाजारों में गर्म वस्त्रों की मांग में तेजी आई है तथा लोग खरीददारी के लिए बाजारों की ओर पहुंचने लगे हैं। दूसरी मुंगफली, रेवड़ी व गज्जक आदि की मांग बढऩे से रेहड़ी लगाने वाले लोगों के साथ-साथ दुकानदारों के चेहरे पर भी रौनक बनी है।

Content Editor

Sanjeev Nain