ठगी का नया तरीका, नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगे 18 लाख रुपए

1/28/2020 2:02:18 PM

पानीपत (संजीव) : अमरीका में नौकरी लगवाने का झांसा देकर मामा-भांजा द्वारा एक युवक से 18 लाख रुपए की ठगी करने तथा पैसे वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। धोखाधड़ी का शिकार हुए युवक ने एस.पी. के दरबार में पहुंचकर अपना पूरा दुखड़ा सुनाया। एस.पी. के आदेश पर थाना सैक्टर 13-17 पुलिस ने 2 आरोपी दुलीचन्द उर्फ दीपक व उसके भांजे नीरज के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

जिला करनाल के गांव पाढ़ा निवासी पंकज रमन पुत्र राज कुमार ने बताया कि उसके गांव के निवासी नीरज पुत्र राजा राम का मामा दुलीचन्द उर्र्फ दीपक नरवाल पुत्र लख्मी निवासी गांव जोशी व हाल निवासी पानीपत के अंसल में रहता है। नीरज के माध्यम से ही उसकी भी दुलीचन्द से जान पहचान हो गई थी। गत वर्ष 25 मार्च को दुलीचन्द उर्फ दीपक व नीरज उसके पास आए तथा दुलीचन्द ने उसे बताया कि उसका बेटा पिछले कई वर्षों से अमरीका में सरकारी नौकरी कर रहा है। उसकी वहां पर काफी जान पहचान है।

यदि वह चाहे तो उसे भी अमरीका में नौकरी लगवा सकता है। जिसके लिए केवल 18 लाख रुपए खर्च करने होंगे। घर वालों ने जमीन बेचकर 10 लाख रुपए का इंतजाम करके दीपक को सौंप दिए। उस समय मौके पर नीरज भी मौजूद था। आरोपी दुलीचन्द उर्फ दीपक ने अपना विश्वास जमाने के लिए उन्हें कहा कि बाकी के 8 लाख रुपए वह पंकज के मैक्सिको पहुंचने के बाद ले लेगा।इसके बाद आरोपियों ने उसे मैक्सिको भेजने के लिए 30 मई को घर से बुला लिया।

अगले दिन 31 मई को जब वह दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां आरोपी दुलीचन्द ने उसे यात्रा टिकट व कुछ कागजात सौंपे, जिनमें उसका मैक्सिको सिटी का बना हुआ एक आई.डी. कार्ड भी था। जिन्हें लेकर वह जहाज में रवाना हो गया तथा 3 जून की रात को एक्वाडोर पहुंच गया।

एजैंटों के साथ छानी जंगलों की खाक
पंकज ने बताया कि जब वह एक्वाडोर पहुंचा तो वहां पर आरोपी दुलीचन्द के भेजे हुए एजैंट मिले। जो उसे कई देशों में घुमाते हुए जंगलों के रास्ते मैक्सिको लेकर गए। जंगलों में यात्रा के दौरान उसे धमकी दी गई कि यदि उसने कुछ भी बोलने या विरोध करने का प्रयास किया तो वे उसे जान से मार देंगे। जब उसने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट भी की गई। पंकज ने आगे बताया कि 19 अगस्त को जब वह मैक्सिको में था तो मैक्सिको इमिग्रेशन वालों ने उसे पकड़ लिया। इस दौरान एजैंट भी उसे छोड़कर भाग गए। अधिकारियों द्वारा उसे 31 अक्तूबर तक हिरासत में रखा गया। 

जेल का भय दिखाकर फिर ठगे 8 लाख
पंकज ने बताया कि जब वह अधिकारियों की हिरासत में था तो इसी दौरान दोनों आरोपी योजना बनाकर भारत में उसके परिजनों से मिले तथा उसे छुड़ाने की एवज में बकाया 8 लाख रुपए की मांग की। आरोपियों ने धमकी दी कि यदि 8 लाख रुपए नहीं दिए तो वे उसे जेल में सड़ा देंगे। आरोपियों द्वारा दिखाए गए डर के चलते परिजनों ने उन्हें 8 लाख रुपए भी दे दिए लेकिन उसके बाद भी दुलीचन्द व नीरज ने उसे जेल से छुड़वाने के लिए किसी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया गया। जिसके चलते उसे करीब अढ़ाई माह तक विदेश में जेल के भीतर ही रहना पड़ा।

Isha