आला अधिकारी भी नहीं खुलवा सके जाम

2/20/2016 8:28:56 PM

पानीपत (खर्ब/सरदाना) : रोहतक, भिवानी, झज्जर व सोनीपत में शुक्रवार को दिखाई देने वाला आरक्षण का तांड़व शनिवार को पानीपत में भी दिखाई दिया। ओबीसी आरक्षण की मांग के साथ सांसद राजकुमार सैनी के विरोध में उतरे जाट समुदाय द्वारा शनिवार को पानीपत में राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 1 को पूरी तरह से बंद करने जनजीवन को प्रभावित हो गया।

 बीते दिन सोनीपत के राजलुगढ़ी गांव में रेलवे ट्रैक बंद कर दिए जाने का सीधा असर लोगों के जीवन पर पड़ा तो आज राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने से पंजाब, हिमाचल, जम्मू काश्मीर, चंड़ीगढ़ व राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के प्रत्येक प्रदेश व जिले के लोगों को इस कारण से भारी परेशानी झेलनी पड़ी। पानीपत में प्रवेश व निकलने के सभी रास्तों पर जाट समुदाय के लोगों का कब्जा है। प्रशासन व आम नागरिक आरक्षण की मांग करने वालों से अपील कर रहा है कि आपसी भाईचारा खराब न करें। 

पानीपत, समालखा, इसराना, मडलौडा के साथ-साथ हरिद्वार को जाने वाले मुख्य मार्ग सनौली रोड को भी पूरी तरह से जाम कर दिया गया है। हिंसा पर उतारु होते हुए उग्र आंदोलनकारियों ने इसराना मार्ग पर गांव डाहर के निकट स्थित टोल प्लाजा पर जमकर तोडफ़ोड़ की। यहां आंदोलनकारियों ने तीन बाईक, टोल प्लाजा के कार्यालय और टोल वसूलने वाले बूथ को आग के हवाले कर दिया। जाट समुदाय द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाने की सूचना जिला व पुलिस प्रशासन के पास बीती रात से ही थी। इसके चलते आज सुबह से सैकड़ों की तादाद में पुलिसकर्मियों व देर रात पानीपत पहुंचे सेना के जवानों को गांव सिवाह के पास तैनात तो जरूर किया गया, लेकिन दिन भर जारी रही गहमागहमी के बावजूद जिला व पुलिस के तमाम आलाधिकारी जाम को खुलवा पाने में नाकाम रहे। 

आरक्षण के नाम पर भडक़ती ज्वाला में शनिवार को भी किसी प्रकार से कमी नहीं आई। बीते तीन दिनों से जिले में आरक्षण के नाम पर बंद पड़े रास्तों से बुरी तरह से आहत हो चुके लोग जहां जाम खुलने के लिए प्रार्थना करने में जुटे थे, वहीं शनिवार को यह आग कम होने के बजाए और अधिक भड़ गई। 

संपर्क कटा

जीटी रोड पर स्थित गांव सिवाह के सामने आंदोलनकारियों ने सुबह जो जाम लगाया, वह देर शाम तक भी नहीं खोला जा सका। इस कारण से राजधानी दिल्ली का संपर्क उत्तर भारत से काफी हद तक कटा रहा। पानीपत में कोई भी ऐसा रास्ता लोगों को नजर नहीं आ रहा है जिससे वे किसी प्रकार से दिल्ली तक पहुंच सकें। उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से दिल्ली को जाने वाले लोग, जिनमें विदेशी सैलानी भी शामिल रहे, हजारों की तादाद में पानीपत में ही फंस गए। इनमें शादी समारोह में जाने वाले लोग, एयरपोर्ट से फ्लाइट पकडऩे के लिए जाने वाले लोग समेत अनेक ऐसे लोग शामिल रहे जो बेहद जरुरी निजी कार्यों से दिल्ली व उससे आगे की यात्रा कर रहे थे। कई घंटे तक जाम न खुलते देख अधिकतर वाहन व ट्रक चालक वापिस लौटने पर मजबूर हो गए। पानीपत टोल प्लाजा पर भी वाहनों की लाइनें लगी रहीं। 

हरिद्वार मार्ग भी हुआ बंद

पानीपत से उत्तर प्रदेश के रास्ते हरिद्वार को जाने वाले इकलौते मार्ग सनौली रोड को भी जाट आंदोलनकारियों ने पूरी तरह से बंद कर दिया है। सनौली रोड पर गांव उझा मोड के निकट और गांव उग्राखेड़ी के मोड पर सडक के बीच में पाइप, ईंटें व अन्य अवरोधक डालकर सडक को बंद किया गया है तो किसी अन्य रास्ते से कोई वाहन किसी अन्य रास्ते से उग्राखेड़ी गांव से आगे पहुंच जाए तब गांव निंबरी के पास भी सडक को बंद किया गया है। यहां पर आंदोलनकारी सडक के बीच में ही बिस्तर लगाकर ताश व चौसर खेलते नजर आए। सनौली के रास्ते उत्तर प्रदेश को जाने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कभी भी लग सकता है कर्फ्यू

रक्षण की मांग कर रहे जाट समुदाय के युवकों ने उत्तर भारत की जीवन रेखा कहा जाने वाला जीटी रोड पानीपत के गांव सिवाह, मच्छरौली व झटीपुर के पास बंद कर दिया। इसको दो दिन पहले से ही अंदेशा था, लेकिन जब तक पांच हजार से ज्यादा युवक एकत्रित नहीं हुए तब तक युवकों ने जीटी रोड जाम नहीं किया। हालांकि युवकों ने नो वायलंस व हिंसा नहीं, के बोर्ड लगा रखे थे तथा किसी ने हिंसा नहीं की। 
पुलिसकर्मियों व सेना के जवानों को गांव के लोगों ने फल, पानी, चाय आदि से सेवा कर अतिथि देवो भव की परंपरा निभाई। देर रात तक पानीपत में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ हैं।

पानीपत जिला में दूसरे जिलों को जोडऩे वाला कोई भी मार्ग खुला नहीं जिले में करीब 100 जगह जाम लगा हुआ हैं। लोगों में दहशत का माहौल हैं। इस कारण आपसी भाईचारा खराब होता जा रहा हैं। स्कूल—कालेज 22 फरवरी तक बंद किए जा चुके हैंं। हालात ऐसे हो रहे हैं पानीपत में कभी भी कर्फ्यू लग सकता हैं।