असीस कौर पर गुरुओं की आशीष, गुरुद्वारों से लगाई बॉलीवुड की छलांग

9/27/2016 5:44:24 PM

पानीपत (सुनील सरदाना): प्रतिभाओं के पैदा होने के लिए बड़े शहरों की, बड़े घरों की या फिर बड़ी उम्र की कोई जरूरत नहीं है। प्रतिभा तो प्रतिभा है व्यक्ति के भीतर छिपी हो तब जिस प्रकार से आग और पानी के बहाव को रोकना असंभव है ठीक उसी प्रकार से प्रतिभाओं को उजागर होने से भी नहीं रोका जा सकता है। शर्त केवल यही है हौसला, लगन, ईमानदारी और अनुशासन का होना अनिवार्य है। केवल इन्हीं शर्तों को पूरा करते हुए जीवन में बनाए लक्ष्य को पूरा करने की जिद्द के चलते और गुरुद्वारों में अपनी मधुर बाणी के जरिए गुरु के नाम का सिमरन करते-करते पानीपत की एक मध्यम वर्गीय युवती ने न केवल मुंबई बॉलीवुड तक का सफर तय कर लिया बल्कि अपने परिवार की खुशियों में वे चार-चांद भी लगा दिए जिनकी उम्मीद आज के दौर में भी केवल लड़कों से की जाती है। असीस कौर, एक ऐसा नाम जिसने बेहद कम समय में बॉलीवुड में पाशर्व गायिका के तौर पर एक ऐसी ऊंचाई हासिल की है।

जिसके बारे में जहां कम ही लोग सोच पाते हैं तो उस मुकाम को हासिल करने में और खुद की काबिलियत को साबित करने में सालों का समय भी लग जाता है। पानीपत की तंग गलियों से निकलते हुए, बाल विकास स्कूल और एस.डी. कालेज से अपनी शिक्षा पूरी करने वाली असीस कौर ने किस ऊंचाई को छूने में कामयाबी हासिल की है। युवा पीढ़ी इसका अंदाजा इसी बात से ही लगा सकती है कि असीस आज बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय, चहेते और आसमान की बुलंदी पर पहुंच चुके पाशर्व गायक अरिजीत सिंह के साथ फिल्मों में अपनी आवाज दे रही है।  किसी जमाने में मिस वल्र्ड का खिताब हासिल करने के साथ ही बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन अदाकारा के तौर पर खुद को स्थापित करने वाली एश्वर्या राय के लिए भी गीत गा रही है। मां-बाप के लिए जीवन में सबसे बड़ी खुशी का पल यही माना जाता है कि जब उनकी पहचान उनके बच्चे के नाम से होने लगे। कुछ साल पहले तक अमर भवन चौक पर अमूमन अपनी स्कूटी पर घूमते दिखाई देने वाले हरजिंद्र सिंह और उनकी पत्नी कमलजीत कौर आज इसी खुशी का अनुभव कर रहे हैं। उनकी खुशी और गर्व के सागर में गोते लगाने का कारण है उनकी बेटी असीस कौर।  


बचपन से था गायकी का शौक, देशभर में गाई गुरुबाणी
मुंबई से फोन पर हुई वार्तालाप में असीस कौर ने बताया कि उसने 12वीं तक की शिक्षा बाल विकास स्कूल से पूरी की तो बी.कॉम. व एम.कॉम. की शिक्षा पानीपत के ही एस.डी. कालेज से हासिल की है। बचपन से ही उसे गुरुबाणी गाने का शौक था परिवार ने इसके लिए हर तरीके से सहयोग प्रदान किया था और गुरुओं की पूरी रहमत थी ऐसे में शिक्षा हासिल करने के दौरान भी वह गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन करती थी और देशभर के गुरुद्वारों में उसे विशेष रूप से गुरुकीर्तन के लिए बुलाया जाता था।  


म्यूजिक डायरैक्टर सलीम मर्चैंट बने गॉड फॉदर
असीस बताती है कि पानीपत में रहते हुए भी वह अक्सर संगीत निर्देशक सलीम मर्चैंट के संपर्क में थी, सलीम मर्चैंट ने उनकी आवाज को सुना था और उन्होंने उसे ऑडिशन देने के लिए मुंबई बुलाया था। बस यहीं से ही उसकी व परिवार की किस्मत के पलटने की कहानी शुरू हुई। मुंबई पहुंचकर असीस ने सलीम मर्चैंट के साथ संगीत की दुनिया से जुड़े कुछ अन्य लोगों के सामने जब अपनी आवाज का जादू बिखेरा, तब उसके लिए बॉलीवुड के दरवाजे खुल गए। सबसे पहले असीस कौर ने सिख गुरुओं की कुर्बानी पर आधारित तैयार हुई एनिमेशन फिल्म 4 साहिबजादे के लिए ‘सद्गुरु नानक प्रगटया’ गीत गाकर अपना पहला हिट गाना दिया।