सिर्फ 170 रुपए में डोल गया सैंटर संचालक का ईमान, फिर कर दी हेराफेरी

2020-12-06T02:21:56.443

पानीपत, (संजीव नैन) : दुर्घटना में हुई मौत के मामले में डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना के तहत एक लाख रुपए का मुआवजा लेने के लालच में एक युवक के पिता व अटल सेवा केन्द्र संचालक द्वारा दस्तावेजों में धोखाधड़ी करके आवेदन करने का मामला प्रकाश में आया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने मामले का खुलासा होने के बाद केन्द्र संचालक व आवेदक के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी गई है। आरोप है कि केन्द्र संचालक ने महज 170 रुपए के लालच में हेराफेरी के मामले को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई है। थाना इसराना पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान द्वारा पत्र क्रमांक 2004 के तहत दी गई शिकायत में कहा गया है कि सतीश पुत्र राय सिंह गांव इसराना के द्वारा बेटे सचिन की दुर्घटना में मृत्यु होने के कारण गांव में बने अटल सेवा केन्द्र के संचालक दलबीर सिंह पुत्र रामभज के माध्यम से 3 जनवरी को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना स्कीम के तहत ऑनलाइन आवेदन किया गया था। इस योजना के तहत दुर्घटना से मौत की स्थिति में एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है। विभाग द्वारा आवेदन पत्र का अवलोकन किया गया जिसमे मृतक सचिन के जन्म प्रमाण पत्र के साथ छेड़छाड़/खुर्द-बुर्द करते हुए जन्म तिथी में बदलाव किया जाना प्रतीत हुआ। जिस पर मामला संगीन होने के कारण सर्वप्रथम विभाग द्वारा सितम्बर, 2020 में आवेदन के साथ मिली जन्म प्रमाण पत्र की प्रति संलग्र करते हुए सब रजिस्ट्रार कम मैडिकल ऑफिसर पीएचसी मांडी तहसील इसराना को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया कि जन्म प्रमाण अनुसार जन्म तिथि 05.11.2000 रजिस्टे्रशन तिथि अंकित नहीं की गई रजिस्ट्रेशन संख्या 28 की जांच की जाए। जिस पर जवाब मिला कि पीएचसी में जन्म और मृत्यु संबंधित रिकार्ड वर्ष 2005 से उपलब्ध है, इसीलिए रजिस्ट्रार जन्म और मृत्यु सिविल हस्पताल पानीपत से मृतक सचिन के जन्म प्रमाण पत्र की जांच करवाई जाए। जिस पर गत 16 अक्तूबर को जन्म प्रमाण पत्र की प्रति संलज्न करते हुये जिला रजिस्ट्रार जन्म और मृत्यु सिविल हस्पताल पानीपत से मामले में अवगत कराते हुए अनुरोध किया गया कि क्या यह जन्म प्रमाण पत्र आपके कार्यालय द्वारा जारी किया गया है अथवा नही? लेकिन करीब एक माह तक सिविल अस्पताल से कोई रिपोर्ट नहीं मिलने पर 10 नवम्बर को सिविल अस्पताल को रिमाइंडर भेजने के  साथ उपायुक्त को पत्र भेजकर भी सिविल अस्पताल को रिपोर्ट देने के निर्देश देने बारे अनुरोध किया गया। जिस पर सिविल अस्पताल प्रशासन द्वारा रिपोर्ट उपलब्ध करवाते हुए लिखा गया कि जन्म प्रमाण पत्र में सचिन पुत्र सतीश व माता कमलेश जन्म स्थान इसराना जन्म तिथि 05.11.2000 रजिस्ट्रेशन संख्या 28 की जांच बारे लिखा गया है। मूल रिकार्ड की जांच करने पर उपरोक्त जन्म प्रमाण पत्र दर्ज/सही नहीं पाया गया है। इस रिपोर्ट के बाद प्रमाणित हो गया कि दस्तावेज से छेड़छाड़ की गई है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने शिकायत में आगे लिखा है कि इसके अतिरिक्त मामले की आगे छानबीन की गई तो पता चला कि अटल सेवा केन्द्र इसराना के संचालक दलबीर सिंह द्वारा आवेदनकर्ता सतीश से उसके बेटे सचिन की दुर्घटना में मृत्यु होने के कारण डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना स्कीम तहत आवेदन पत्र एवं दस्तावेज ऑनलाइन करने/करवाने के लिए 200 रुपए लिए गए हैं। उक्त मामले में 200 रुपए फीस लिए जाने बारे आवेदनकर्ता द्वारा बताया एवं लिखित में भी दिया गया है जबकि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार अटल सेवा केंद्र में आवेदन पत्र ऑनलाईन करने की फीस केवल 30 रुपए तथा अत्योदय सरल केंद्र की फ़ीस 10 रुपए निर्धारित किए गए हैं। इस प्रकार अटल सेवा केन्द्र संचालक द्वारा सरकार के नियमों की उल्लंघना करते हुए भ्रष्टाचार एवं लूट खसोट का कार्य किया गया है।
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उम्र कम होने के चलते खेला गया सारा खेल
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा चंडीगढ़ के पृष्ट क्रमांक 468-एसडब्ल्यू-(4)-2017 दिनांक 18.05.2017 के द्वारा राज्य के सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को हिदायते जारी करवाई गई हैं। जिनमें स्पष्ट करते हुए लिखा गया है कि दुर्घटना में मृत्यु होने वाले व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से 70 वर्ष के मध्यम होने पर इस स्कीम में लाभ दिया जाना है। मृतक सचिन की उम्र कम होने के कारण इस अटल सेवा केंद्र के व्यक्ति द्वारा सरकार द्वारा जारी किए नियमों की अवेहलना करते हुए गलत कार्य किया गया है वहीं आवेदन कर्ता सतीश का भी दायित्व था कि इस बारे में विभाग को बताया जाता। बहरहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

रिपोर्ट : संजीव नैन, पानीपत।

Content Editor

Sanjeev Nain