टीम आवाज ने कहा,परी काे मिले स्पेशल कमरा

10/8/2015 9:18:04 PM

 पानीपत, (संदीप) : जब से सिविल सर्जन इंद्रजीत सिंह धनखंड ने परी को अनाथालय में शिफ्ट करने को लेकर उपायुक्त को पत्र लिखा है, तब से शहर की सामाजिक संस्थाओं में हलचल मच गई है।बुधवार को टीम आवाज सिविल सर्जन से मिलने के लिए उनके कार्यालय पहुंची। टीम आवाज ने सिविल सर्जन से कुछ दिन और अस्पताल में ही रखने की गुहार लगाई। लेकिन सिविल सर्जन ने पत्र को अपनी मजबूरी बताते हुए कहा था अभी परी की देखभाल उनकी जिम्मेदारी है। परी को एसएनसीयू वार्ड में रखा गया है, जहां अकसर बीमार बच्चों को रखा जाता है। परी बिल्कुल स्वस्थ है, अगर उसे को कुछ दिन और यहां रखा गया तो सेहत पर इसका असर पड़ सकता है। 

टीम आवाज ने वीरवार को परी से मिलने के लिए एम.एस. एस.के. गुप्ता से अनुमति और  उसका हालचाल जाना।  उसे हाथों में लेकर उसके उज्ज्वल भविष्य की मांग की है। पंजाब केसरी से बातचीत में टीम आवाज के सदस्यों ने कहा कि आखिर परी का मुजरिम कौन है। पूरा प्रशासन मिलकर भी परी को अभी तक न्याय नहीं दिला पाया है। अब अस्पताल प्रशासन भी उपायुक्त को परी को अनाथालय में भेजने के लिए पत्र लिख चुका है। परी मामले और लोगों की भावनाओं को देखते हुए उपायुक्त को परी के लिए एक स्पेशल कमरे का बंदोबस्त करवाना चाहिए, जहां दो नर्से परी का ख्याल रखेंगी और सामाजिक संस्थाए परी की सभी जरूरतें पूरी करेंगी।
 टीम आवाज की सदस्य सविता आर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पानीपत से बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओं अभियान की शुरूआत कर चुके हैं। अभी तक यह अभियान जमीनी स्तर पर नहीं देखा गया है। लोगों की सोच बेटियों के लिए नहीं बदली है। अनाथालयों में 80 प्रतिशत बेटिया ही हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे शहर और प्रशासन के लिए एक बड़ी ही शर्मनाक बात है कि जिस मिट्टी से इस अभियान की शुरूआत हुई, वहीं एक नन्हीं सी परी को अन्याय नहीं दिला पा रहा है प्रशासन और अब तो उसके सिर से अस्पताल भी अपना हाथ उठा रहा है। इस मौके पर दिवाकर मेहता, गौरव लिखा, सविता आर्य, ललित गोयल, दीपक और राजू मौजूद रहे।