मडलौडा में गौतस्करों ने पुलिस पर बरसाईं गोलियां,दो गिरफ्तार

2/9/2016 9:02:49 PM

मडलौडा (राजेंद्र) : बीती रात यहां अग्रसैन कालोनी में गौतस्करों ने पुलिस पर जमकर गोलियां चलाईं,लेकिन पुलिस ने बिना फायरिंग किए उन्हें दबोचने का प्रयास किया। इस कार्रवाई दो तस्कर गिरफ्तार किए गए। कस्बे में काफी दिनों से सक्रिय गौतस्कर गिरोह को पकडऩे के लिए गौरक्षा दल व पुलिस ने अपना जाल फैला रखा था। कई दिनों से गौतस्कर रात में गायों को गाडिय़ों में लोड करके ले जाने में कामयाब होते रहे। वे पुलिस व गौरक्षा दल को चकमा देते रहे। इस बार वे सफल नहीं हो पाए।

बीती रात गौरक्षा दल के प्रहरी रात को जाल बिछाकर बैठे हुए थे। जैसे गौतस्कर सब्जी मंडी में घुसे गौरक्षा दल ने थाना प्रभारी को सूचना देकर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह तीन मिनट के अंदर अपनी टीम तारीफ एएसआई व सुरेंद्र के साथ मौके वारदात अग्रसैन कालोनी पहुंच गए।

पुलिस व गौरक्षा दल के बीच फंसे गौतस्कर एक सांड व एक बछड़े को लेकर भागने लगे। अपने आपको चारों ओर से घिरा देखकर फायर करना शुरू कर दिया और गाड़ी को भगाने लगे। पुलिस के जाबांज अपनी ड्यूटी के महत्व को जानते हुए गौतस्करों के साथ गुत्थम-गुत्था हो गए। अपनी जान पर खेलकर हथियारों से लैस गौतस्करों के साथ भिड़ गए। तभी गौतस्करों को हथियार छोडक़र भागना पड़ा।

जमकर दागीं गोलियां

बीती रात दो बजे की भिड़त में गौतस्करों ने पुलिस व गौरक्षा दल पर जमकर गोलियां दांगी। पुलिस का कहना है कि तस्करों ने चार फायर किए,चारों फायर नाकाम रहने के बाद हम उनको पकडऩे लगे तो गुत्थम-गुत्था में वे अपनी दो पिस्तौलें व एक बंदूक छोडक़र फरार होने में कामयाब हो गए। पुलिस विभाग ने एक जिंदा व दो खोल अपने कब्जे में ले लिए। एक पिकअप गाड़ी भी बिना नंबर की बरामद की। पुलिस पर चार बार फायरिंग करने के बाद भी पुलिस ने जवाब में कोई फायरिंग नहीं की।

कवि गांव में बताया जा रहा है ठिकाना


इस मुठभेड़ में गिरफ्तार गौतस्कर के तार कवि गांव से जुड़े बताए जाते हैं। गिरफ्तार गौतस्कर काला व रिजवान निवासी बन्नत शामली यूपी ने बताया कि वे करीब नौ साल से यह कार्य कर रहे हैं। पास के ही गांव कवि में कर्ण सिंह फौजी के बाड़े में किराए पर रहते हैं। दिन में गायों के झुंड को तलाश कर रातों को लोडिंग कर यूपी भेजने का कार्य करते हैं।

जनता चैन से सोए, मैं जागू

थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह का गौतस्कर की चलती गोलियों के बीच घुसकर हमला बोलना एक जुनून कहें या इत्फाक। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस का लक्ष्य यही होता है। जनता चैन से सोए मैं जागू। मेरा भी यही लक्ष्य है, इसी का नाम तो पुलिस है। पुलिस द्वारा पहली बार फिल्मी अंदाज में मौके पर पहुंचकर असामाजिक तत्वों को पकडऩे का प्रयास किया गया। 

कानून बनाया गया है

परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार से पूछने पर कि गौतस्करी को रोकने के सरकार द्वारा क्या नियम बनाए गए हैं तो उन्होंने बताया कि गौतस्करों के बारे सरकार ने कानून बनाया है। ऐसी गतिविधि में संलिप्त व्यक्ति को कोर्ट में दस साल की सजा व जिस वाहन में यह कार्य किया जा रहा है,उस वाहन की कोई वापसी नहीं होगी, ऐसा कानून बनाया गया है।

गौरक्षा दल का कार्य सराहनीय

गौरक्षा दल के हरियाणा के उपप्रधान आजाद आर्य की निगरानी में काम कर रही गौरक्षा दल की टीम द्वारा कई दिनों से रातों की गश्त का फल पुलिस थाना मडलौडा के पूर्ण सहयोग से मिला। आजाद आर्य का कहना है कि गौरक्षा दल के जवान खाली हाथ तस्करों की गोलियों का सामना करते हैं।  इस प्रकार काम करते हुए हमारे पांच गौरक्षा दल के जवान शहीद भी हो गए हैं।