भाजपा पंजाब: विधानसभा में 12/23 तो लोकसभा चुनावों में 7/23

12/31/2016 11:23:36 AM

जालंधर(पाहवा): भारतीय जनता पार्टी पंजाब में 23 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए इन दिनों उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम राय बनाने में जुटी है। पार्टी अपने इस अभियान के लिए बैठकों के सिलसिले में घिरी हुई है। 


पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की वे 11 सीटें हैं जिन पर वर्ष 2012 के चुनावों में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था, वर्ष 2012 में जो पार्टी ने 12 सीटें जीतीं, वहीं वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी 23 में से 16 सीटें हार गई। 2012 से 2014 के बीच दो वर्ष के समय में भाजपा का ग्राफ नीचे गया उसके बाद अब लोकसभा चुनावों के बाद भी दो वर्ष का समय बीत चुका है। जिसके चलते पार्टी को यह ङ्क्षचता सता रही है कि आने वाले दिनों में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। 


अबोहर 
इस सीट पर वर्ष 2012 के चुनावों में भाजपा की उम्मीदवारी विजय लक्ष्मी भादो तीसरे नम्बर पर रही थीं तथा वह 46,343 मतों से हारी थीं। लोकसभा चुनावों में इस सीट पर अकाली दल के उम्मीदवार शेर सिंह घुबाया को 5662 वोटों से हार मिली। 

 

मुकेरियां
इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार अरुणेश कुमार जिनकी संघ में अच्छी पैठ है, वर्ष 2012 में 12,119 मतों से हार गए थे। इस सीट पर वर्ष 2014 में विजय सांपला को 16,748 मतों की लीड मिली थी। 

 

राजपुरा
इस सीट पर 2012 के चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी राज खुराना 31,510 मतों से हारे थे। हार का यह सिलसिला 2014 के लोकसभा चुनावों में भी जारी रहा तथा अकाली दल के प्रत्याशी डी.एस. ढिल्लों 2078 मतों से हारे। 

 

फिरोजपुर
इस सीट पर भाजपा के नेता सुखपाल नन्नू को 21,353 मतों से हार मिली। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में भी इस सीट पर अकाली-भाजपा के नेताओं ने मिलकर काम किया, लेकिन इसके बावजूद शेर सिंह घुबाया 14,555 मतों से पीछे रहे। 

 

लुधियाना नार्थ 
इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार प्रवीण बंसल को विधानसभा चुनावों में 2168 मतों से हार मिली थी। 2 वर्ष बाद इस सीट पर भाजपा के लोग लोगों को अपने पक्ष में नहीं कर सके, जिसके कारण शिरोमणि अकाली दल के मनप्रीत सिंह अय्याली 17671 मतों से इस सीट पर पीछे रहे। 

 

लुधियाना वैस्ट
प्रो. राजिन्द्र भंडारी इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी थे तथा वह 35922 मतों से हार गए। इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल के नेता भाजपा के साथ चुनाव लड़ते हुए 8881 मतों से पिछड़ गए।

 

लुधियाना सैंट्रल
इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी सतपाल गोसाईं को कांग्रेस उम्मीदवार ने 7196 मतों से हराया। 2 वर्ष बाद भी हालात वैसे रहे तथा पार्टी के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी मनप्रीत सिंह अय्याली इस सीट पर 11041 मतों से पिछड़ गए। 

 

आनंदपुर साहिब
पंजाब कैबिनेट में मंत्री मदन मोहन मित्तल इस सीट पर अपने विरोधी से 7886 मतों से जीते थे, जबकि वर्ष 2014 में भाजपा-अकाली दल के प्रत्याशी प्रेम सिंह चंदूमाजरा 694 मतों से पीछे रहे। 
 
 

होशियारपुर

कैबिनेट मंत्री रहे तीक्षण सूद 2012 के चुनावों में 6208 मतों से हार गए थे, जबकि इस सीट पर वर्ष 2014 में विजय सांपला भी 1764 मतों से पिछड़ गए। 

 

फाजिल्का
सुरजीत ज्याणी इस सीट से भाजपा की टिकट पर 2012 में चुनाव लड़े तो 1692 मतों से जीते। इस सीट पर भाजपा-अकाली दल को कुछ फायदा हुआ तथा 2014 के लोकसभा चुनावों में सांझा उम्मीदवार शेर सिंह घुबाया को 10,047 मतों का फायदा रहा। 

 

दसूहा
इस सीट पर अमरजीत सिंह साही वर्ष 2012 में 6223 मतों से भाजपा की टिकट पर जीते, जबकि लोकसभा चुनावों में इस सीट पर विजय सांपला 5363 मतों से जीते। 

 

अमृतसर सैंट्रल 
बड़े-बड़े दावे करने वाले भाजपा के उम्मीदवार तरुण चुघ इस सीट पर 12,797 मतों से हारे। उन्होंने इस हार के सिलसिले को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में भी बरकरार रखा तथा मौजूदा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली को इस सीट से 18996 मतों से हार दिलवाई। 

 

अमृतसर ईस्ट
भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो चुकी नवजोत कौर इस सीट पर भाजपा की टिकट पर 7099 मतों से जीती थी, लेकिन उनकी इस सीट से खुद अरुण जेतली 32198 मतों से हार गए। 

 

अमृतसर वैस्ट
भाजपा के उम्मीदवार राकेश गिल को इस सीट से 11591 मतों से हार मिली थी। उन्होंने इस हार के सिलसिले को बरकरार रखते हुए वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में भी अरुण जेतली को 36957 मतों की हार सौंपी। 

 

अमृतसर नॉर्थ
मौजूदा निकाय मंत्री अनिल जोशी खुद इस सीट से 16980 मतों से जीते, लेकिन वर्ष 2014 में उनकी इस जीत का दम नजर नहीं आया तथा भाजपा प्रत्याशी अरुण जेतली उनकी सीट पर 18726 मतों से हारे। 

 

फगवाड़ा
सोम प्रकाश को इस सीट पर 14,579 मतों से वर्ष 2012 के चुनावों में जीत मिली थी, लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में विजय सांपला यहां से 4851 मतों से पीछे रहे।

 

इस सीट पर भाजपा 
प्रत्याशी के.डी. भंडारी ने मात्र 1703 मतों से जीत हासिल की थी, लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन के प्रत्याशी पवन टीनू 17533 मतों से पीछे रहे।

 

जालंधर नार्थ
भगत चूनी लाल ने इस सीट पर 11343 मतों से जीत हासिल की थी, लेकिन लोकसभा चुनावों में पवन टीनू इस सीट से 21481 मतों से हारे। 
जालंधर वैस्ट

 

जालंधर सैंट्रल
मनोरंजन कालिया ने भाजपा की टिकट पर इस सीट पर 1065 मतों से विपक्षी प्रत्याशी को हराया, लेकिन लोकसभा चुनावों में गठबंधन प्रत्याशी इस सीट से 10,250 मतों से हारे।