डेरा प्रमुख की वजह से पंजाब-हरियाणा को लग सकता है करोड़ों का झटका

8/23/2017 9:30:17 AM

चंडीगढ़ (हरिश्चंद्र):एक बार फिर पंजाब और हरियाणा को करोड़ों रुपए का झटका लग सकता है। बताया जा रहा है कि साध्वी के यौन शोषण मामले में 25 अगस्त को फैसले की बाट जोह रहे डेरा प्रमुख की पंचकूला आमद और फैसले के मद्देनजर पंजाब-हरियाणा में कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए दोनों ही राज्यों ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की कंपनियां मंगवाई हैं। पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ इन कंपनियों को संवेदनशील जिलों में तैनात किया गया है। इन कंपनियों की ड्यूटी की एवज में राज्यों को संबंधित अर्द्धसैनिक बल को भुगतान करना होगा। 

वेतन के हिसाब से रोजाना अदा करने होंगे 1,80,000 रुपए
पंजाब में 75 और हरियाणा में 35 कंपनियां अद्र्धसैनिक बलों की पहुंच चुकी हैं। हरियाणा में इतनी ही कंपनियां और पहुंचने की उम्मीद है। एक कंपनी का प्रमुख असिस्टेंट कमांडेंट  होता है जो डी.एस.पी. या ए.सी.पी. रैंक का होता है। इसके बाद  इंस्पैक्टर, सब इंस्पैक्टर और जवान आदि होते हैं। एक कंपनी में करीब 135 जवान व अफसर होते हैं जिसके लिए पद व वेतन के हिसाब से रोजाना करीब 1,80,000 रुपए पंजाब व हरियाणा को अदा करने होंगे।

औसतन कंपनी के अफसरों व जवानों के वेतन का 150 फीसदी भुगतान किया जाता है,जिसमें टीए, डीए आदि शामिल होता है। अद्र्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती दौरान उनके ठहरने का जिम्मा भी संबंधित राज्य को ही उठाना होता है। केंद्र सरकार को इसका नकद भुगतान नहीं किया जाता, बल्कि सूबे के बजट से इस राशि को केंद्र बाद में काट लेता है। पंजाब के भटिंडा, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फरीदकोट, संगरूर, पटियाला व मोहाली और हरियाणा के सिरसा,फतेहाबाद, कैथल, जींद, करनाल,अंबाला, यमुनानगर व पंचकूला जिलों को संवेदनशील माना जा रहा है।