विरोध में सड़कों पर उतरे किसान, हरियाणा में सड़कें की जाम, पंजाब में रेलवे ट्रैक पर जमा रखा डेरा

punjabkesari.in Friday, Sep 25, 2020 - 10:13 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर किसानों का विरोध लगातार देशभर में जारी है। इस आंदोलन का असर सबसे ज्यादा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। पंजाब में तो 24, 25 और 26 यानि 3 दिन का बंद बुला रखा है। किसान विरोध प्रदर्शन कर इन बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बंद को कामगार, कलाकारों, व्यापारियों और सामाजिक, धार्मिक, संस्थाओं, क्लब, पंच-सरपंच और अन्य का समर्थन मिल रहा है। संसद में पास किए गए कृषि विधेयकों के विरोध में भारत बंद के आह्वान का शुक्रवार को हरियाणा में खासा असर देखने को मिल रहा है। 

प्रदेशभर में सुबह से ही प्रदर्शन शुरू हो गया था। सैकड़ों किसान धरना प्रदर्शन में पहुंचे, वहीं किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। पंचकूला के पिंजौर में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी किसानों के धरने में शामिल हुए। इस दौरान चढ़ूनी ने दो टूक कहा कि या तो सरकार अपना फैसला वापस ले ले या फिर किसानों को गोली मरवा दे।

farmers took to the streets to protest against the three bills

हरियाणा के शहरों की बात करें तो बंद का असर मिलाजुला है। शहरों में कुछ दुकानें खुली हैं तो कुछ बंद हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि जहां पर किसान संगठनों की ताकत होगी, वहां रोड जाम किया जाएगा, जहां पर संख्या कम होगी वहां धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाले जाएंगे। वहीं हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। परंतु कानून किसी को नहीं तोडऩे दिया जाएगा। कहीं भीड़ इकट्ठा की जाती है तो उसके लिए परमिशन लेनी होगी, जिसमें आयोजक का नाम भी बताना होगा। कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। 

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विज ने डीजीपी को निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस व्यवस्था की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि संपूर्ण स्थिति से निपटते हुए आमजन की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। हरियाणा में दूध, सब्जी व अन्य चीजों की सप्लाई पर कोई असर नहीं पड़ा है।

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पंजाब जाने वाली रेलगाडिय़ां बंद
किसानों के आंदोलन के चलते अंबाला मंडल ने 24 सितंबर से ही पंजाब जाने वाली 26 अप-डाउन ट्रेन और 9 पार्सल ट्रेन को रद्द किया हुआ है। ये ट्रेन 24, 25 और 26 सितंबर तक रद्द रहेंगी। इसमें मुंबई-अमृतसर, न्यू जलपाईगुड़ी-अमृतसर, नांदेड़-अमृतसर, हरिद्वार-अमृतसर, जन शताब्दी एक्सप्रेस, जय नगर एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस, पश्चिम एक्सप्रेस, करम भूमि एक्सप्रेस, गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस सहित 9 पार्सल ट्रेनें शामिल हैं।

protest of farmers started at different places

कानून क्या और इनसे क्या बदलेगा
कृषि सुधारों को टारगेट करने वाले तीन विधेयक हैं- द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल 2020, द फार्मर्स (एम्पॉवरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस बिल 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल 2020। सरकार कह रही है कि यह विधेयक आजादी के बाद एग्रीकल्चर सेक्टर में सबसे बड़े सुधार के तौर पर लागू किए जा रहे हैं। एक कानून किसानों को कृषि उपज मंडियों से बाहर अपनी फसल बेचने की इजाजत देता है। यानी दलालों पर निर्भरता खत्म। लेकिन, कांग्रेस समेत कुछ पार्टियों को इसमें कॉर्पोरेट्स को लाभ पहुंचाने की साजिश नजर आ रही है। इन तीनों ही कानूनों को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 5 जून 2020 को ऑर्डिनेंस की शक्ल में लागू किया था। यह तीनों लोकसभा में पास हो चुके हैं। अब यह चर्चा के लिए राज्यसभा में जाएगा। वहां से पास होने पर कानून लागू हो जाएगा। सरकार की कोशिश इसी सत्र में इन तीनों ही कानूनों को संसद से पारित कराने की है।

हरियाणा सरकार ने बंद को बताया विफल, कहा-किसान तो खेतों में फसल काटने में व्यस्त
हरियाणा मेें तीन कृषि विधेयकों के विरोध में भारत बंद का आंशिक असर हुआ है। हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि राज्‍य में यह बंद पूरी तरह विफल रहा है। हरियाणा केे सीएम मनोहरलाल ने कहा कि किसान तो खेतों मेें फसल की कटाई में व्‍यस्‍त ह‍ैं। 90 से 95 फीसदी किसान अपने खेतों में धान और बाजरे की फसल काटने तथा कपास की फसल बीनने में लगेे थे। उन्हें कांग्रेस प्रायोजित इस बंद से कोई लेना देना नहीं था और यह बंद पूरी तरह से विफल रहा है। प्रदेश के वास्तविक किसानों ने इस बंद को सिरे से नकार दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले कांग्रेस के नेता लोकसभा में इन बिलों का समर्थन करते थे, लेकिन आज तक उन्हें पास करने का साहस नहीं कर पाए। भाजपा ने आढ़तियों व किसानों की आर्थिक सुरक्षा वाले इन विधेयकों को पास किया तो अब कांग्रेसी विरोध पर उतर आए हैं। 

मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस का विरोध सिर्फ विरोध करने के लिए है और इस आंशिक बंद में कोई वास्तविक किसान शामिल नहीं हुआ है। पूरे प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रही तथा जहां भी मार्ग को बाधित करने की कोशिश की गई, वह कांग्रेस के लोग थे।

अक्टूबर से एमएसपी पर होगी फसलों की खरीद
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी। प्रदेश सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करेगी। यदि किसान चाहेंगे तो उनकी फसल का दाम सीधे दिया जाएगा। यदि किसानों की इच्छा होगी कि उन्हें आढ़तियों के माध्यम से ही फसल के दाम मिले तो सरकार वैसी ही व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय डबल करने के लिए इन तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दिलाई है। दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि किसानों के भेष में मुट्ठी भर कांग्रेसी धरने पर बैठे। उन्होंने सोनिया गांधी व राहुल गांधी को खुश करने के लिए यह नाटक किया। 

जेपी दलाल ने कहा कि किसान पिछले पांच दशक से अपनी आय में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार ने उन्हें यह मौका दिया है। हुड्डा ने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में अक्सर इन वादों को डाला, मगर वह उन्हें पूरा कराने का साहस नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष रके हाथों में किसान नहीं बल्कि बिचौलिये हैं, जिन्हें सरकार का कोई समर्थन हासिल नहीं है।


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Shivam

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