धाेखाधड़ी का भंडाफोड़, भाई के दस्तावेजाें पर फाैज में हुआ भर्ती

10/12/2017 4:11:38 PM

रेवाड़ी (गंगाबिशन): जिला के गांव निमोठ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक भाई ने अपने भाई के दस्तावेजों के आधार पर फौज में नौकरी पाई और सेवानिवृत्त हो गया। हैरत की बात यह है कि जिस भाई के दस्तावेजों पर फौज में भर्ती हुआ, वह गांव का पंच है और सरकार से मानदेय ले रहा है लेकिन अब इस धोखाधड़ी का भांडा फूट गया है और दोनों भाइयों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

जानकारी के अनुसार गांव निमोठ निवासी रामचंद्र यादव ने वर्ष 1985 में धोखाधड़ी करके अपने छोटे भाई बिरेंद्र यादव के दस्तावेजों के आधार पर सेना में नौकरी पाई थी। इसका कारण यह था कि रामचंद्र ओवर एज होने के कारण सेना में भर्ती नहीं हो सकता था। इसलिए उसने अपने छोटे भाई विरेंद्र के कागजातों का सहारा लिया। इस धोखाधड़ी का किसी को पता नहीं चला और रामचंद्र 2006 में फौज से सेवानिवृत्त भी हो गया। इसके बाद रामचंद्र ने इन्हीं कागजातों के आधार पर फौज के डी.एस.ई. विभाग में पुन: नौकरी प्राप्त कर ली और इसी जून 2017 को यहां से भी सेवानिवृत्त हो गया।

दिलचस्प बात यह है कि रामचंद्र का भाई बिरेंद्र इस योजना में गांव का पंच चुना गया और सरकार से मानदेय भी प्राप्त कर रहा है। यानि विरेंद्र नामक एक ही व्यक्ति सेना से पैंशन प्राप्त कर रहा है और प्रदेश सरकार से पंची का मानदेय भी प्राप्त कर रहा है लेकिन यह बात अब छिपी नहीं रह सकी। आपसी रंजिश के चलते गांव के जगदीश चंद्र यादव ने इस फ्रॉड की शिकायत पुलिस को कर दी। पुलिस चौकी डहीना के जांचकर्ता जितेंद्र कुमार ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद इसकी 2 माह तक जांच की गई और जांच में पाया गया कि रामचंद्र ने अपने भाई के कागजातों पर सेना में नौकरी पाई। शिकायकर्ता द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेज सही पाए गए। जिसके चलते दोनों भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी व साजिश में शामिल होने का मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र होगी।