डबल फाटक से रास्ते के लिए आंदोलन उग्र (Watch Pics)

5/21/2016 1:13:30 PM

रेवाड़ी (वधवा): रेवाड़ी नगर परिषद के अंतर्गत आने वाली 12 से अधिक कालोनियों को शहर से जोड़ने वाले रेल डबल फाटक पर अवरोधक लगाकर रेलवे प्रशासन द्वारा रास्ता पूरी तरह सील कर दिए जाने के विरोध में शुक्रवार को कालोनीवासियों व दुकानदारों ने डबल फाटक के निकट अपनी दुकानें बंद कर अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल शुरू कर दी। 

 

आज भूख-हड़ताल पर नगर पार्षद सत्यनारायण यादव, हरियाणा विधानसभा के सेवानिवृत्त अवर सचिव, अभय सिंह यादव, जयपाल यादव, विनोद सैनी बैठे। धरने पर इनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी बैठीं। इनके आंदोलन को समर्थन देने कांग्रेस के प्रदेश के महासचिव चिरंजीव राव भी पहुंचे। इन लोगों का यह आंदोलन पिछले 10 दिनों से चल रहा है। 

 

भूख-हड़ताल पर बैठे दुकानदारों व पार्षद सत्यनारायण यादव का कहना है कि शहर के दूसरे छोर पर स्थित 12 से अधिक कालोनियों व 36 गांवों को शहर से जोडऩे वाला यही एकमात्र रास्ता है, जिसे रेल प्रशासन ने बंद कर दिया है। इसके बंद हो जाने के कारण शहर तक पहुंचने के लिए उन्हें करीब 5 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ रहा है।

 

वहीं, डबल फाटक के दुकानदारों के साथ रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। इसे खुलवाने को लेकर उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से लेकर स्थानीय विधायक व सांसद तक गुहार लगाई लेकिन उनकी इस समस्या पर किसी का भी ध्यान आकॢषत नहीं हो सका है। स्थानीय विधायक जहां दूसरा रास्ता अपनाने की बात कह रहे हैं, वहीं सांसद ने तो समस्या सुनने के लिए समय देने से ही इन्कार कर दिया है। 

 

ऐसे में उनके पास भूख-हड़ताल पर बैठने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह गया है। उनकी मांग है कि जब तक यहां अंडरपास का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक डबल फाटक के रास्ते को पहले की तरह खोला जाए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही यह रास्ता नहीं खोला गया तो उनका यह आंदोलन जारी रहेगा। धरने का समर्थन करने पहुंचे चिरंजीव राव ने कहा कि आंदोलनकारियों की मांग जायज है। जब तक अंडरपास नहीं बनता, तब तक इन्हें वैकल्पिक रास्ता दिया जाए। 

 

कालोनी के एस.पी. गौतम ने कहा कि करीब 30 हजार से अधिक आबादी डबल फाटक के उस पार रहती है और शहर तक आने-जाने के लिए डबल फाटक ही उनके पास एकमात्र रास्ता है। कुछ साल पहले फाटक पर अंडरपास बनवाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने काफी संघर्ष भी किया था, जिस पर रेलवे ने यहां अंडरपास बनाने की मंजूरी भी दे दी लेकिन यह अंडरपास अभी तक नहीं बना है। 

 

अब रास्ता पूरी तरह बंद होने के बाद कालोनीवासियों के सामने आवागमन का संकट बढ़ गया है। हालांकि रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया और ट्रेनों को रुकवाने का प्रयास भी किया लेकिन किसी ने उनकी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया।