मात्र 50 हजार रूपए में मिल रही है पीएचडी की डिग्री...पढ़ें पूरी खबर

9/27/2016 6:21:51 PM

रेवाड़ी: देशभर में चल रहे स्ट्डी सैंटर के नाम पर शिक्षा रूपी दुकानें किस तरह अपना काम कर रही हैं इसकी बानगी रेवाड़ी के अहीर कालेज में उस वक्त देखने को मिली जब मात्र 50 हजार रूपए में पीएचडी ,जैसी उपाधियों की डिग्री धड़ल्ले से दिलाए जाने का मामला सामने आया। कॉलेज के चैयमैन व पूर्व विधायक राव याधुवेंद्र सिंह ने कॉलेज के प्रोफेसर पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।  

तस्वीरों में आप जिस कालेज को देख रहे हैं वो अहीरवाल का लंदन कहे जाने वाले रेवाड़ी शहर का अहीर कालेज है। इस कालेज को पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेन्द्र सिंह वकेंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई यादुवेन्द्र सिंह का संरक्षण रहा है। लेकिन आज इस कालेज में चल रहे गोलमाल को देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। यहां के 3 कर्मचारियों ने प्राचार्य को शिकायत दी कि कालेज के ही एक प्रोफेसर ने 50 हजार रूपए लेकर उन्हें पीएचडी की फर्जी डिग्री थमा दी। शिकायत मिलते ही आनन-फानन में एक कमेटी गठित की गई। कमेटी ने मामले की जांच करके कालेज के ही प्रोफेसर डा. गजेन्द्र सिंह को दोषी मानते हुए इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक को दे दी। जिस पर प्रोफेसर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। कालेज के ही डीपीई, लैब असिस्टेंट व कालेज के ही एक प्रोफेसर के बेटे ने एम. फिल व नैट क्लियर करने के बाद डाक्टर साहब लगाने की चाहत हुई तो उन्होंने साथी प्रोफेसर से फर्जी डिग्री का जुगाड़ करने को कहा। साथी ने भी कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी और 50 से लेकर80 हजार रूपए तक में उन्हें पीएचडी की डिग्री उपलब्ध करवा दी। हालांकि बाद में डिग्री लेने वाले गुरूजी को पता लगा कि जिस विश्वविद्यालय की डिग्री उन्हें दी गई है, वह विश्वविद्यालय यूजीसी ने पहले ही फ्राड घोषित किए हुए हैं। इसके बाद गुरूजी ने यूपी के कानपुर से डिग्री दिलाने की बात कहकर उनसे और राशि ऐंठ ली। फर्जी डिग्री लेने वाले ये 3 प्रोफेसर ही नहीं हैं। अगर शिकायत कत्र्ताओं की मानें तो महेन्द्रगढ़ में चल रहे स्ट्डी सैंटर से सैंकड़ों लोगों ने मोटी रकम लेकर डिग्री दिलाने का जमकर खेल खेला है।


इस संबंध में आरोपी प्रोफेसर डा. गजेन्द्र यादव ने संपर्क किया गया तो उन्होंने कालेज प्रशासन पर ही गंभीर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कालेज के कई प्राध्यापकों पर फर्जी डिग्री लगाकर साक्षात्कार देने का आरोप भी लगाया। वहीं उन्होंने कहा कि वे लगातार कालेज में होने वाले गोलमाल को लेकर आरटीआई लगा रहे हैं, लेकिन कालेज प्रशासन उन्हें कोई सूचना उपलब्ध नहीं करवा रहा। उन्हें तो मात्र बलि का बकरा बनाया जा रहा है। अगर कालेज की जांच हो तो फर्जी डिग्री मामले का बड़ा खुलासा हो सकता है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को पुख्ता सबूत उपलब्ध करवा दिए हैं कि किन-किन प्राध्यापकों ने फर्जी डिग्री लगाकर कालेज में प्रोफेसर का पद हथिया लिया।

शहर थाना मे आरोपी फ़्रोफेसर के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है पुलिस का कहना है की वो मामले की जांच कर रहे है और जांच के बाद ही सारी स्थिति साफ हो पाएगी। कॉलेज प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपनी जांच मे साफ किया की कॉलेज प्रोफेसर ने डिग्री दिलाने के नाम पर ठगी की, वही आरोपी प्रोफेसर ने उल्टा शिकायत करने वाले प्रोफेसर पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाए जाने का आरोप लगाया है। ऐसे मे ये तो साफ है की डिग्री के नाम पर खेल खेला गया लेकिन ये जांच मे ही साफ हो पाएगा की किस तरह से कौन कौन इस खेल मे शामिल रहे है।