स्कूल प्रशासन ने नौनिहालों को बनाया ‘मजदूर’

11/30/2017 9:37:37 AM

रेवाड़ी(वधवा):जिन नौनिहालों को अभिभावक शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल भेजते हैं, उनसे स्कूल में मजदूरी भी करवाई जाती है। ऐसा एक मामला जिला के गांव हांसाका के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला। इस स्कूल को प्रशासन द्वारा स्मार्ट स्कूल भी घोषित किया गया है। जानकारी के अनुसार गांव हांसाका के स्कूल में बुधवार को जालंधर से एक कैंटर में विकलांग ट्राइसाइकिलें तथा अन्य उपकरण लदकर आए थे। जिसे प्रशासन द्वारा स्मार्ट स्कूल घोषित किए गए हांसाका में पहुंचाया गया। मौके पर उपस्थित कैंटर चालक सरदार सिंह के हाथ में सामान संबंधित कागजों पर साफ लिखा था कि कैंटर को खाली करवाने की जवाबदेही कैंटर चालक की ही होगी लेकिन स्कूल के अध्यापकों ने चालक व मजदूरों से यह कैंटर खाली करवाने की बजाय स्कूल के बच्चों को ही इस काम पर लगा दिया और इन बच्चों ने जैसे-तैसे लदे कैंटर को खाली किया। 

इस बारे में बच्चों से कैंटर खाली करा रहे अध्यापक से जब बात की गई तो उन्हें इसका कोई मलाल दिखाई नहीं दिया। उनसे जब यह पूछा गया कि जिन बच्चों के हाथ में किताबें होनी चाहिए, उनसे आप मजदूरी क्यों करा रहे हैं तो वे इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। स्मार्ट स्कूल की प्रभारी सुधा यादव से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने इससे पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें तो यह भी नहीं पता कि स्कूल में सामान लेकर कोई कैंटर आया है। चालक ने भी बच्चों से काम करवाने की गलती मानते हुए माफी मांगी। स्कूल के बाहर दुकानदारों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, पहले भी बच्चों से कई कैंटर खाली करवाए जा चुके हैं। हम आपको बता दें कि यह विकलांग ट्राईसाइकिलें पूरे जिले में वितरित की जानी हैं।