गौ मौतों को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर पुतला जलाया

punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2019 - 11:17 AM (IST)

नारनौल (संतोष): रघुनाथपुरा की पहाडिय़ों में नंदी गौशाला की दुर्दशा व प्रतिदिन गौ माता की दर्दनाक मौत व दयनीय स्थिति को लेकर रघुनाथपुरा व आसपास के विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने चितवन वाटिका में समाजसेवी वैद्य किशन वशिष्ठ के नेतृत्व में एकत्रित हुए। उसके बाद प्रदर्शन करते हुए महावीर चौक तक प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने न.पा. प्रशासन का पुतला फूंककर अपना रोष व्यक्त किया। 

प्रदर्शन से पूर्व चितवन वाटिका में ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी वैद्य किशन वशिष्ठ ने कहा कि जिला प्रशासन की देखरेख में चल रही नंदी गौशाला की दुर्दशा यह साबित करती है कि यह गऊशाला नहीं गऊ माता का कत्ल का स्थान है। बिना चारा, बिना उपचार, बिना देखभाल, बिना रख रखाव बेहाल इस गौशाला में गौ वंश प्रतिदिन अपनी जीवन लीलाएं समाप्त कर रही हैं। प्रशासनिक रख रखाव का हवाला देकर गौ माताओं की दुर्दशा के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। गौशाला में कितनी गौ माता हैं, इसकी पुष्टि करके सार्वजनिक करें तथा सरकारी रिकार्ड में कितनी गाय हैं, गौ माता के लिए क्या-क्या सेवाएं प्रशासन उपलब्ध करवा रहा है, इसकी लिखित पुष्टि हो। नंदी गौशाला को सीधे तौर पर प्रशासन संभाल रहा है या नंदी गौशाला की रेख रेख ठेके पर हैं, इसकी भी लिखित पुष्टि हो। प्रशासनिक व सरकारी बजट नंदी गौशाला के लिए कितना निर्धारित है, सार्वजनिक किया जाए।

 गौशाला में गैर सरकारी लाखों रुपए की मदद आ रही है, उस पर लिखित श्वेत पत्र जारी हो, सरकारी आंकड़ों में नंदी गौशाला में गऊशाला की संख्या 600 दिखाई गई है और प्रदेश सरकार 45 रुपए प्रति गौ के भरण पोषण का खर्चा दे रही है। गौशाला में गायों की संख्या 150 से भी कम है। इन आंकड़ों से अनुमान लगाया जा सकता है कि नगर परिषद प्रतिदिन गौवंश के भी लगभग 20 हजार रुपए स्वयं खा रही है। उन्होंने बताया कि बीते एक माह पूर्व इस प्रकरण की आर.टी.आई. मांगी गई थी लेकिन अभी तक आर.टी.आई. का जवाब नहीं मिल पाया। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि इस गंभीर मामले पर वे स्वयं संज्ञान लें और नगर परिषद के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें। 


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Isha

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