एच.सी.एस. (ई.बी.) के सीनियोरिटी विवाद में हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

punjabkesari.in Friday, Dec 21, 2018 - 11:53 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): हरियाणा सिविल सर्विसेज (एग्जीक्यूटिव ब्रांच) में वर्ष 1992 से 1999 के बीच विभिन्न बेंचो के चुने गए अफसरों के बीच इंटर-से सीनियोरिटी (परस्पर वरिष्ठता) के विवाद को विराम देते हुए हाईकोर्ट ने 12 दिसम्बर 2006 की सीनियोरिटी लिस्ट को बरकरार रखा है। वहीं बैंच ने 16 अप्रैल 2010 की सीनियोरिटी लिस्ट खारिज कर दी है, जिसमें संदीप सिंह व उनके बैंच के अन्य अफसरों को उनसे पहले नियुक्त हुए अफसरों से ऊपर रखा गया। विरेंद्र सिंह हुड्डा व अन्य अफसरों की 5 अपीलों पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। 

सिंगल बैंच के 1 अप्रैल 2015 के फैसले के खिलाफ यह अपीलें दायर की गई थीं, जिनमें 4 याचिकाओं का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने सरकार व अन्य सरकारी प्रतिवादियों को एच.सी.एच. (ई.बी.) अफसरों की पुन: सीनियोरिटी लिस्ट बनाने को कहा गया था। हाईकोर्ट ने पाया कि 12 दिसम्बर 2006 को सीनियोरिटी तय हुई थी, जिसमें अफसरों से स्पीकिंग आर्डर के जरिए ऑब्जैक्शंस भी मांगी गई थी। स्पीकिंग आर्डर को यथोचित समय में चुनौती दी जानी चाहिए थी। 3 से 4 महीने का समय चुनौती दिए जाने का विचारयोग्य समय था। 

बैंच ने अपील केसों में सुनवाई के दौरान कहा कि वर्ष 1997 से बैंच अफसरों ने दिसम्बर 2006 की सीनियोरिटी लिस्ट को तय समय में चुनौती नहीं दी। ऐसे में उस लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं को इस आधार पर खारिज किया जाना बनता है। इसके साथ ही सिंगल बैंच के आदेशों को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। वहीं बैंच ने कहा कि विरेंद्र कुमार दहिया, संदीप सिंह, ललित कुमार और विरेंद्र सिंह लाठर को उनकी नियुक्ति से पहले की मिली सीनियोरिटी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है। ऐसे में हाईकोर्ट ने कहा कि विरेंद्र कुमार दहिया, संदीप सिंह, जगदीश शर्मा, महावीर सिंह, ललित कुमार और विरेंद्र सिंह लाठर की इंटर-से सीनियोरिटी उनकी वर्ष 1997 बैंच की मैरिट लिस्ट के तहत ही रहेगी। 


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Rakhi Yadav

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