हुमा कुरैशी ने माना,बॉलीवुड में महिला व पुरुष के बीच होता है भेदभाव
punjabkesari.in Monday, Dec 28, 2015 - 06:51 PM (IST)

रोहतक (दीपक भारद्वाज) : फिल्म अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने माना है कि बॉलीवुड में महिला व पुरुष कलाकारों के बीच भेदभाव होता है। उनका कहना है कि कुछ कलाकारों ने इसके खिलाफ आवाज भी उठाई है। हुमा कुरैशी फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से बॉलीवुड में चर्चित हुई थीं। रोहतक में आज एक कार्यक्रम में पहुंची इस फिल्म अभिनेत्री ने जहां लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया, वहीं शैक्षणिक संस्थानों में सेक्स एजुकेशन लागू करने की बात भी कही। हुमा कुरैशी ने महिलाओं के प्रति सोच में बदलाव लाने की बात कही और साथ ही औरत को ही औरत की सबसे बड़ी दुश्मन बताया।
वे ब्रेकथ्रू संस्था की ओर से चलाए जा रहे मिशन हजार कार्यक्रम के तहत यहां पहुंची थीं। हुमा कुरैशी ने हिंदी फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर,एक थी डायन,बदलापुर,डी डे और डेढ़ इश्किया जैसी मशहूर फिल्मों में काम किया है। अपनी पहली ही फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से वे चर्चा में आ गई थी और इस फिल्म में काम करने के लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला था।
मिशन हजार का उद्देश्य लिंग भेद व लिंग चयन को रोकना है। यह मिशन केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के सहयोग से रोहतक,झज्जर, पानीपत और सोनीपत में चलाया जा रहा है। हुमा कुरैशी लंबे समय से इस मिशन से जुड़ी हुई हैं। रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में फिल्म अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा है कि एक लड़की के लिए अच्छी शिक्षा हासिल करना सबसे ज्यादा जरूरी है। लिंग भेद के खिलाफ इस मुहिम में सिर्फ महिलाओं की भागीदारी ही जरूरी नहीं है,बल्कि हर इंसान की जरूरत है। यह समाज की लड़ाई है और बेहतर समाज के लिए लड़ना होगा।
लिंग भेद का जिक्र करते हुए हुमा कुरैशी ने सोच बदलने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ पुरुषों की नहीं,महिलाओं की भी सोच बदलने की जरूरत है। अधिकतर परिवारों में आज भी लड़कियों के मुकाबले लड़कों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि लिंग भेद के लिए महिलाएं भी जिम्मेदार हैं। यहां तक कि औरत ही औरत की सबसे बड़ी दुश्मन है।
एक सवाल के जवाब में हुमा कुरैशी ने माना कि बॉलीवुड में महिला और पुरुष कलाकारों के बीच भेदभाव होता है,जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कई कलाकारों ने इस भेदभाव के खिलाफ आवाज भी उठाई है। हालांकि अब कुछ हालात पहले से बेहतर हो रहे हैं। बॉलीवुड का ही जिक्र करते हुए हुमा कुरैशी ने कहा कि महिलाओं के लिए सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं,हर क्षेत्र में चुनौती है। औरत के लिए पुरुष प्रधान समाज में काम करना आसान नहीं है, उस पर हर तरह का दबाव रहता है। इसके अलावा फिल्म अभिनेत्री ने कहा कि जो सच होता है,फिल्म वो दर्शाती हैं। इसलिए समाज में जो कुछ घटित हो रहा है, वह फिल्मों पर डालना सही नहीं है। खुद के अंदर झांककर देखना चाहिए।