बहादुरगढ़ में आर्मी की 3 कम्पनियों ने डेरा डाला,दिल्ली से लगती सीमाएं सील

2/20/2016 3:36:15 PM

बहादुरगढ़ (प्रवीण भारद्वाज): जाट आरक्षण की मांग को लेकर किया जा रहा आन्दोलन अब उग्र रूप धारण कर चुका है। रोहतक व झज्जर में हालात बिगडऩे के बाद अब बहादुरगढ़ में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालांकि आम लोगों को कर्फ्यू से राहत दी जा रही है। उपद्रवियों के साथ सख्ती से निपटने की तैयारी चल रही है। आर्मी की 3 कम्पनियां बहादुरगढ़ में तैनात कर दी गई हैं। 

इसके बावजूद आन्दोलनकारियों के तेवर ढीले नहीं पड़े हैं। बहादुरगढ़ से सटी दिल्ली की सभी सीमाओं को सील कर दिया है। यहां आन्दोलनकारी बीती रात से ही जमे हुए हैं। सेना की गाड़ी सडक़ के रास्ते हरियाणा में प्रवेश न कर सके इसके लिए सडक़ को जगह-जगह से उखाड़ा गया है। सांखोल गांव में तो सडक़ गड्ढ़ों में ही तब्दील कर दी गई है।
आन्दोलनकारियों के रुख को देखते हुए आखिरकार बहादुरगढ़ में भी प्रशासन द्वारा कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस दौरान आन्दोलन के दौरान ट्रैक्टर-ट्राली में युवाओं ने बाजारों में जमकर तोडफ़ोड़ की। लाल चौक पर स्थित पकौड़े वाले की दुकानों पर तोडफ़ोड़ की गई। इसके अलावा मैन बाजार में कई रेहडिय़ों को पलट दिया। झज्जर रोड पर बैठे गाडिय़े लुहारों के औजार व सामान को भी लूट लिया। ऐसे में कर्फ्यू का भी भय आन्दोलनकारियों में नहीं दिखाई दिया। फिलहाल सेना के जवान शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। 
माना जा रहा है कि अगर आन्दोलनकारी शांत नहीं होते है तो प्रशासन के आदेश पर सेना कठोर कार्रवाई कर सकती है। सेक्टर-9 के मोड़, झाड़ोदा बार्डर, सांखोल, बादली रोड, बाइपास के अलावा अन्य सम्पर्क मार्गोंं पर पिछले 6 दिनों से स्थिति यथावत बनी हुई है। जाम के कारण आमजन बेहाल है। 
 
छह दिनों से रेल यातायात ठप
पिछले 6 दिनों से बहादुरगढ़ से रोहतक व दिल्ली की जाने वाली सभी ट्रेनें बंद हैं। ऐसे में रेलवे स्टेशन पूरी तरह से सुनसान नजर आ रहा है। यात्री पिछले कई दिनों से अपने परिचितों व रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं। होटल व धर्मशाला भी खचाखच भरे हुए हैं। जिनका कोई जानकार नहीं है वे रेलवे स्टेशन व बस अड्डे को ही अपना आशियाना बना कर रहने के लिए विवश हैं।
 
सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी प्रतिष्ठान बंद
रोहतक व झज्जर के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में हुई आगजनी व तोडफ़ोड़ की घटनाओं के बाद बहादुरगढ़ प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। सभी सरकारी प्रतिष्ठानों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद करवा दिया गया है। शहर का बस अड्डा, नगर परिषद कार्यालय, तहसील कार्यालय, लघु सचिवालय के अलावा अन्य सरकारी विभागों पर ताला लगा दिया गया है और यहां सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।
 
नागरिक अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद
सुरक्षा की दृष्टि से नागरिक अस्पताल की ओपीडी सेवा भी बंद कर दी गई है। ऐसे में अब मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में केवल आपातकालीन सेवाएं ही चालू हैं। पिछले कई दिनों से प्रदेशव्यापी आन्दोलन के कारण अस्पताल में डाक्टरों की उपस्थिति भी कम है। ऐसे में अब आन्दोलन का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी साफ देखने को मिल रहा है।
 
रसोई गैस, पैट्रोल-डीजल व खाद्य सामग्री की किल्लत
आन्दोलन का दायरा निरंतर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अब लोगों को दूध, सब्जी व अन्य खाद्य पदार्थों की किल्लत भी होने लगी है। बहादुरगढ़ की सब्जी मंडी में पिछले कई दिनों से सब्जी की आवक न होने के कारण अधिकतर सब्जियां या तो खराब हो चुकी हैं या फिर खत्म हो चुकी हैं। इसके अलावा रसोई गैस भी लगभग सभी गैस एजेंसियों पर खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब लोगों की परेशानी और भी बढ़ गई है। पैट्रोल व डीजल भी पम्पों पर खत्म हो चुका है। अधिकतर लोगों के वाहन तेल के कारण घरों पर ही खड़े हो गए है। कइयों के तो बीच रास्ते में ही खड़े हैं।
 
पल-पल की रिपोर्ट 
प्रशासन व पुलिस के अधिकारी बहादुरगढ़ की पल-पल की रिपोर्ट आला अधिकारियों को देते दिखाई दिए। आवश्यक दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही रणनीति तैयार करने में लगे रहे। एसडीएम प्रदीप कौशिक के नेतृत्व में प्रशासनिक अमला स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए था। डीएसपी सुरेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस अमला पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दिया।  एसडीएम प्रदीप कौशिक के अनुसार स्थिति नियंत्रण में है।