मैडीकल कालेज के लिए प्रशासन ने तैयार किया प्रपोजल, भेजा 3 गांवों का प्रस्ताव
2/25/2020 2:34:04 PM
सिरसा(हरभजन): जिले में मैडीकल कालेज बनाने की रूपरेखा तैयार करने में जुटे जिला प्रशासन ने इस दिशा में अपना पहला कदम बढ़ा दिया है। कालेज के लिए भूमि चयन हेतु कई दिनों की कसरत के बाद प्रशासन ने आखिरकार 3 गांवों का चयन कर लिया है, जिसमें फूलकां, केलनियां व सिकंदरपुर गांव शामिल है। प्रशासन ने इन तीनों ग्राम पंचायतों के प्रपोजल को प्रस्ताव का रूप देकर चंडीगढ़ भेज दिया है। निकट भविष्य में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की टीम इस विषय में फाइनल निर्णय लेगी कि सुविधा की दृष्टि से मैडीकल कालेज बनने की अपार संभावना कहां ज्यादा है।
हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो इस दौड़ में मुख्यतया 2 गांव ही हैं। सिकंदरपुर ग्राम पंचायत ने कालेज बनाने के लिए अपनी 22 एकड़ भूमि का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन विभागीय गाइडलाइन के अनुसार इस कालेज के निर्माण हेतु 30 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। ऐसे में सिकंदरपुर गांव की दावेदारी बैकफुट पर दिख रही है। इसके अलावा केलनियां व फूलकां गांव ही विकल्प बचते हैं।
बलराज सिंह, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सिरसा ने कहा कि मैडीकल कालेज के लिए तीन गांवों के प्रस्ताव भेजे गए हैं, जिसमें सिकंदरपुर, फूलकां व केलनियां शामिल है। मैडीकल कालेज के लिए अभी तक तो फूलकां में 80 परसैंट की संभावना दिख रही है, लेकिन रेल लाइन को लेकर थोड़ी प्राब्लम खड़ी हो सकती है।
हालांकि उपायुक्त महोदय ने रेल लाइन पर ओवरब्रिज या अंडरपास बनाने की बात रखी है। ङ्क्षधगतानियां ग्राम पंचायत भी जमीन देने को सहमत है, लेकिन अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है। फिलहाल तीन गांवों के प्रस्ताव भेजे गए हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के डायरैक्टर ही अब अंतिम सिफारिश करेंगे।
मैडीकल कालेज के लिए केलनियां ग्राम पंचायत प्रयासरत है। पंचायत की ओर से कालेज निर्माण के लिए बिना शर्त भूमि देने का प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं केलनियां की प्रस्तावित भूमि जिला नागरिक अस्पताल से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में केलनियां गांव कालेज के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।
फूलकां की राह में रोड़ा अटका सकती है रेल लाइन
फूलकां ग्राम पंचायत की भूमि पर मैडीकल कालेज बनाने से सरकार को दोहरा फायदा हो सकता है। एक तरफ जहां पंचायत के पास 100 एकड़ से ज्यादा भूमि होने के चलते कालेज के विस्तारीकरण के लिए अधिक भूमि का विकल्प हमेेशा रहेगा, वहीं केयूके द्वारा निर्मित विशालकाय इमारत भी कालेज के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। प्रस्ताविक भूमि से नैशनल हाईवे भी मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन फूलकां की राह में रेल लाइन रोड़ा अटका सकती है। मैडीकल कालेज के लिए निर्बाध मार्ग की आवश्यकता रहती है लेकिन नैशनल हाईवे व प्रस्तावित भूमि के बीच से रेल लाइन गुजरती है, जो मरीजों की आवाजाही में बाधक बन सकती है। यदि प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग रेल ओवरब्रिज या अंडरपास को मंजूरी देे देता है तो फूलकां में मैडीकल कालेज बनने की प्रबलता बढ़ सकती है।