3 दिन और बंद रहेगी भाखड़ा नहर

7/12/2018 12:54:27 PM

कालांवाली(संजीव): सरकार द्वारा भाखड़ा नहर की बंदी के दिन बढ़ाने से मंडी कालांवाली व आस-पास के लोगों के लिए दिक्कतें सामने आने लगी हैं। क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनदायिनी समझी जाने वाली भाखड़ा नहर अब 15 की जगह 26 दिन बंद रहने लगी है। भाखड़ा नहर 26 जून को बंद हो गई थी, भाखड़ा नहर में अब 14 जुलाई को पानी आएगा। विभाग के पास सिर्फ 15 दिन के सिए ही पानी स्टाक करने का क्षमता है जो अब खत्म हो चुकी है। जिसके चलते मंडी निवासियों को पेयजल के लिए सिर्फ ट्यूबवैल के पानी का ही सहारा रह गया है। क्षेत्र के निवासियों को अभी कम से कम 3 दिन भयंकर दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

बता दें कि मौजूदा समय में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा मंडी क्षेत्र में रोजाना 20 लाख लीटर के करीब पेयजल सप्लाई किया जाता है। परेशानी वाली बात यह है कि विभाग के पास सिर्फ 15 दिन पानी को स्टाक करने की क्षमता है लेकिन भाखड़ा नहर अब 26 दिन बंद रहने लगी है, जिसके चलते 11 दिन लोग किस प्रकार काटते हैं, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। 

विभाग के अधिकारियों ने भी हाथ खड़े करते हुए आपूॢत करने में लाचारी पेश की है। अब विभाग द्वारा जलघर में लगे ट्यूबवैलों से ही मंडी में पानी सप्लाई की जा रही है, वह भी एक दिन छोड़कर। यह तो भला हो कि सरकार ने पुरानी मंडी के वार्ड 2, 3, 4, 5 व रेलवे स्टेशन के पार स्थित नई मंडी के वार्ड 12 व 13 में रहने वाले 10,000 से ज्यादा लोगों को शुद्ध व सुचारू पानी देने के लिए 76 लाख रुपए की लागत से 2 बूस्टिंग स्टेशन बनाकर चालू कर दिए हैं, अन्यथा हालत बेकाबू हो जाने थे। गर्मी ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं जोकि आने वाले दिनों में ज्यादा बढ़ेगी। 

जैसे की विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि भाखड़ा नहर पहले 15 दिन बंद तो 15 दिन चलती थी लेकिन अब भाखड़ा 26 दिन बंद रहती है व शेष समय चलती है। अगर नहर पहले की तरह एक माह में 15 दिन चले तो कोई परेशानी की बात न हो। जानकारी अनुसार मंडी के लोगों को 10 लाख लीटर सुबह व 10 लाख लीटर पानी शाम के समय सप्लाई किया जाता है। जे.ई. राम रखा के अनुसार उनके पास 300 लाख लीटर पानी को स्टोर करने की व्यवस्था है। जबकि नहरबंदी के 26 दिनों में करीब 520 लाख लीटर पानी की जरूरत है। ऐसे में शेष 220 लाख पेयजल की व्यवस्था कहां से होगी।  इसके जबाव में जे.ई. राम रखा का कहना है कि जलघर में 2 ट्यूबवैल लगे हुए हैं, जिसमें एक 3 इंच व दूसरा 4 इंच पानी देता है। 

उनका कहना है कि शेष दिनों में पीने के पानी के साथ ट्यूबवैल का पानी मिक्स करके देना उनकी मजबूरी है। चिकित्सक भी भूमिगत पानी पीने से बचने की सलाह देते हैं। आने वाले दिनों की भयावह स्थिति को लेकर मंडी के लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। अगर सरकार ने नहरबंदी के दिन कम नहीं किए तो लोगों का गुस्सा आने वाले समय में भयंकर रूप धारण कर सकता है। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।  

Rakhi Yadav