नरमे का कम, धान का बढ़ रहा रकबा

6/26/2019 12:13:29 PM

सिरसा: पानी का अधिक दोहन करने वाली धान से अभी भी किसानों ने तौबा नहीं की है। मौसम का गड़बड़ाता मिजाज भी किसानों को धान की काश्त के लिए विवश कर रहा है। धान की रोपाई का कार्य इन दिनों जोरों पर है। इस बार लक्ष्य 75 हजार हैक्टेयर है। अलबत्ता इस सीजन में लक्ष्य से अधिक रकबे पर धान की काश्त होने की आशंका है। वजह इस बार 2 लाख हैक्टेयर लक्ष्य की तुलना में करीब पौने 2 लाख हैक्टेयर हैक्टेयर पर ही नरमा-कपास की काश्त हुई है। 24 हजार हैक्टेयर रकबा खाली रह गया है।

ऐसे में इस रकबे पर धान एवं ग्वार की खेती अतिरिक्त रूप में होगी। पानी का अधिदोहन करने वाले धान का रकबा इस बार पिछले सीजन की तुलना में 5 हजार हैक्टेयर बढ़ गया है। 2009 में जिला में 48 हजार हैक्टेयर पर धान की रोपाई की गई थी, जबकि इस बार लक्ष्य 75 हजार हैक्टेयर है।

फिलहाल भी कुछेक गांवों में धान रोपाई का दौर जारी है, ऐसे में जाहिर है कि धान का रकबा और भी अधिक बढ़ सकता है।  धान की खेती का के्रज जिला में 95 के बाद अधिक रहा। 2001 में तो रकबा 37 हजार हैक्टेयर था। अब यह 75 हजार हैक्टेयर हो गया है। पिछले बरस लक्ष्य 48 हजार हैक्टेयर था और काश्त हुई 53 हजार हैक्टेयर पर। धान की इस बढ़ती खेती का असर भू-जल पर स्पष्ट दिख रहा है। जिला के तीन खंड ऐलनाबाद, रानियां व चोपटा डार्क जोन में आ गए हैं। बहुतेरे इलाकों में भूजल 200 फीट से भी नीचे चला गया है। 

Isha