अविश्वास के चलते नगर परिषद प्रधान की कुर्सी खतरे में

7/13/2018 11:40:09 AM

सिरसा(माहेश्वरी): नगर परिषद प्रधान शीला सहगल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुलाई गई बैठक सिरे नहीं चढ़ पाई लेकिन एक बात तय हो गई कि प्रधान की कुर्सी गिरना तय है। फ्लोर टैस्ट के लिए प्रधान और उनके समर्थक पार्षदों ने जहां बैठक से दूरी बनाए रखी वहीं उनको कुर्सी से हटाने की चाहवान पार्षद बैठक में पूरे दमखम के साथ पहुंचे। ऐसे पार्षदों की संख्या 22 थी, जिन्होंने प्रधान शीला सहगल के खिलाफ हस्ताक्षरित पत्र उपायुक्त को सौंपा। दरअसल,अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई के लिए प्रशासन द्वारा 12 जुलाई का दिन मुकर्रर किया गया था। डी.सी. द्वारा एस.डी.एम. को नोडल अधिकारी बनाया गया था।

एस.डी.एम. राहुल हुड्डा के छुट्टी पर चले जाने के बाद ऐलनाबाद के एस.डी.एम. अमित कुमार को सिरसा का अतिरिक्त चार्ज दिया गया। इन्होंने सैक्शन 35 पर रोक लगाने यानी प्रधान की वित्तीय शक्तियों को छीने जाने की भी मांग की। प्रधान की कुर्सी गिराने के लिए कुल 31 पार्षदों में से 2 तिहाई यानी 21 पार्षदों का समर्थन जरूरी है। विशेष बात ये है कि डी.सी. को गुरुवार को सौंपे पत्र में 22 पार्षदों ने हस्ताक्षर किए। शीला सहगल नगर परिषद प्रधान की कुर्सी पर चंद दिन और काबिज रहने वाली है।

ई.वी.एम. से होना था कुर्सी का फैसला 
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर होने वाले फ्लोर टैस्ट के लिए वोटिंग मशीन नगर परिषद मंगवाई गई थी। सुबह प्रधान के कक्ष में ई.वी.एम. सैटअप लगा दिया गया। बैठक का समय दोपहर 12 बजे रखा गया था लेकिन उनकी खिलाफत करने वाले पार्षद सुबह 11 बजे ही परिषद पहुंचने शुरू हो गए। 2 घंटे इंतजार के बाद एस.डी.एम. नहीं आए, जिसके चलते बैठक नहीं हो पाई।

इनैलो पार्षदों ने नहीं की खिलाफत
नगर परिषद का हाऊस 31 पार्षदों का है। इनमें से 15 पार्षद बीजेपी, 6 हलोपा, 5 कांग्रेस, 2 इनैलो व 3 निर्दलीय हैं। इनैलो पार्षद शुरू से ही भाजपा नगर परिषद प्रधान के सुपोर्ट में रहे हैं। प्रधानगी को लेकर हुई वोटिंग में भी इनैलो पार्षदों ने शीला सहगल का साथ दिया। गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुलाई गई बैठक में भी ये दोनों पार्षद हाजिर नहीं हुए। 
 

Rakhi Yadav