मौसम का मिजाज बना किसानों के लिए आफत, गेहूं की बिजाई में हो रही देरी

12/12/2019 4:36:46 PM

रानियां (सतनाम) : क्षेत्र में किसान धान की फसल काटने केबाद रबी की मुख्य फसल गेहूं की बिजाई करता है लेकिन इस बार धान की कटाई काफी लेट तक चली। क्योंकि सीजन के दौरान 2 बार भारी बरसात हुई है। क्षेत्र में अब भी बादल मंडराए हुए हैं। अगर बरसात हो जाती है तो किसान गेहूं की बिजाई करने में और लेट हो सकता है। वैसे नवम्बर के पहले सप्ताह से गेहूं की बिजाई शुरू होकर दिसम्बर के पहले सप्ताह तक हो जाती है लेकिन क्षेत्र में अभी तक 30 प्रतिशत गेहूं की बिजाई होनी बाकी है।

हालांकि, गेहूं के समर्थन मूल्यों में बढ़ौतरी होने से गेहूं के रकबे की बढ़ौतरी होने की संभावना है लेकिन गेहूं की बिजाई लेट होने के कारण गेहूं के झाड़ पर प्रभाव पडऩा संभावित है। जहां धान की फसल बोई जाती है तो उन खेतों में गेहूं की बिजाई करने पर आमतौर पर 20 से 25 किं्वटल गेहूं निकलता है और जो किसान गेहूं की बिजाई नवम्बर के पहले सप्ताह में ही कर देते हैं तो उन खेतों का झाड़ इससे भी ज्यादा निकलने की संभावना होती है लेकिन इस बार तो गेहूं की बिजाई दिसम्बर के अंत तक चलेगी।

यानी किसानों को गेहूं में भी खमियाजा भुगतना पड़ेगा। वैसे आमतौर पर इस बार धान की फसल का भी झाड़ कम निकला है और जिस कारण किसान बड़े चिंतित हैं। क्षेत्र में अब भी बादल छाए हुए हैं। जिसने किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। 

किसानों पर चला प्रशासन का डंडा
पहले आमतौर पर किसान धान की फसल के बाद अपने खेत में रिपर चलाकर पराली को पूरे खेत में बिखेर देते थे और थोड़ी धूप लगने के बाद पराली को चला देते थे। जिस कारण से पराली का खेत जल्दी खाली हो जाता था और किसान उस खेत में रातोंरात खेत को तैयार करके उसमें गेहूं की बिजाई कर देते थे लेकिन इस बार प्रशासन ने क्षेत्र में पूरी सख्ती की और इैका-दुक्का पराली चलाने वाले किसानों के खिलाफ पर्चा दर्ज करके किसानों के खेत में से आग को बुझाने का काम किया। जिस कारण से किसान भयभीत होकर पराली न जलाकर अन्य किसी जुगाड़ के साथ पराली के निपटान में जुट गए। जिस कारण से किसानों को अपने खेत से पराली का बाहर निकालने के लिए काफी दिन लग गए और गेहूं की बिजाई में देरी हुई। 

Isha