सरकारी-प्राइवेट का ‘फासला’ मिटाने में जुटा महकमा

4/25/2019 2:41:55 PM

सिरसा(माहेश्वरी): सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग की संजीदगी अब धरातल पर नजर आने लगी है। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने तथा गुणवत्ता परक शिक्षा को बढ़ावा देने के मकसद से निदेशालय के निर्देशानुसार बुधवार को सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के लिए शिक्षा अधिकारियों की अनेक टीमों का गठन किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, डाइट प्रिंसिपल, उप जिला शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियों पर आधारित अलग-अलग टीमों ने सरकारी स्कूलों में जाकर वहां की व्यवस्थाओं का बारीकी से मुआयना किया।

जो जो खामियां नजर आईं, उसको दूर करने के लिए संबंधित स्कूल प्रबंधन को सख्त हिदायत जारी की गई। उधर, पेरैंट्स एसोसिएशन ने भी शिक्षा विभाग के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यदि यह औपचारिक न होकर गंभीरता से इस ओर कदम उठाए जाएंगे तो निश्चित ही परिणाम भी सार्थक हासिल होंगे।

यह कारण है सरकारी स्कूलों से दूरी का
प्राइवेट स्कूलों से कहीं अधिक पढ़े-लिखे शिक्षक होने के बावजूद सरकारी स्कूलों की दशा में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा। सरकारी स्कूलों का वार्षिक परीक्षा परिणाम हर बार निजी स्कूलों की तुलना में कमतर ही रहता है, जिसके चलते अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों की मुफ्त शिक्षा की बजाय प्राइवेट स्कूलों की महंगी शिक्षा दिलाने पर मजबूर होते हैं। न चाहते हुए भी उन्हें अपने बच्चे का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए यह फैसला लेना पड़ता है।

इन तमाम बातों पर गौर फरमाने के बाद शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों की तमाम लचर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का मन बनाया है, ताकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठे और अभिभावक बिना किसी किंतु परंतु के अपने बच्चों का सहर्ष सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाने को राजी हों।

ऑनलाइन की गई जांच की रिपोर्ट
शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर बुधवार को सरकारी स्कूलों का निरीक्षण स्टेट लैवल पर किया गया था। इस निरीक्षण पर निदेशालय के अधिकारियों की पैनी निगाह थी। चूंकि निरीक्षण की रिपोर्ट शिक्षा अधिकारियों को मोबाइल एप पर ऑनलाइन भेजे जाने के निर्देश दिए गए थे। 

निरीक्षण टीम को स्कूल परिसर से ही अपनी रिपोर्ट निदेशालय अधिकारियों को प्रेषित करनी थी। एप के जरिए निदेशालय अधिकारियों को टीम की लोकेशन भी पता चल रही थी कि कौन सी टीम कौन से स्कूल के इंस्पैक्शन पर है। हरेक टीम को एक-एक, 2-2 स्कूल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए थे।


 

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