गद्दी पर मां नसीब कौर का नहीं, गुरमीत का ही जेल से चल रहा है ‘राज’

5/7/2018 1:01:04 PM

सिरसा(भारद्वाज): बेशक साध्वियों से यौन शोषण के जुर्म में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 20 साल की सुनारियां जेल में सजा काट रहा है मगर एक ऐसा सच सामने आया है कि आज भी डेरे का सर्वे सर्वा कोई और नहीं अपितु डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ही है। यह बात उस वक्त पुख्ता हो चली जब डेरे में रविवार के दिन हुई बड़ी नामचर्चा में शाही परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था और डेरे में मौजूद भक्तों के लिए डेरा चीफ की ही पुरानी वीडियो एवं सी.डी. के जरिए सत्संग किया जा रहा था। शाही परिवार के सदस्यों की इस नामचर्चा से दूरी के पीछे कारण क्या है? इसका तो भेद नहीं लग पाया, मगर सत्संग में महज बाबा राम रहीम की ही चर्चा इस बात की ओर साफ इंगित करती है कि डेरे का संचालन आज भी जेल में बंद गुरमीत सिंह द्वारा ही किया जा रहा है। 
 

5 स्क्रीन लगाई और आशीर्वाद का वीडियो दिखाया
अक्सर सत्संग के दौरान बहुत से युवक-युवतियां डेरा प्रमुख के समक्ष विवाह करते थे और डेरा प्रमुख उन्हें आशीर्वाद प्रदान करता था, आज नामचर्चा के दौरान बड़ी-बड़ी 5 स्क्रीन लगाई गई और इन स्क्रीनों पर पुराने सत्संग दिखाए जा रहे थे। इसी बीच आज भी एक जोड़े ने विवाह रचाया तो पुरानी आशीर्वाद वाली क्लिप का प्रसारण कर हू-ब-हू दर्शाने की कोशिश की। मसलन डेरे का सर्वे सर्वा जेल में बंद राम रहीम ही है। इसके अलावा पूर्व में भी सिक्योरिटी सख्त होती थी और हर किसी की तलाशी लेकर ही प्रवेश करवाया जाता था, आज भी स्थिति वैसी ही थी। भक्तों को मैटल डिटैक्टर व तलाशी की प्रक्रिया से गुजार कर ही डेरा में जाने दिया जा रहा था।

स्थापना दिवस पर सामने आई मां
2 साध्वियों के साथ किए यौन शोषण के जुर्म में सी.बी.आई. की अदालत ने 25 अगस्त को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी। जेल में चले जाने के बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। डेरा से भक्तों की भीड़ भी धीरे-धीरे कम होती चली गई। ऐसे में डेरा का फिर से उसी ट्रैक पर लाने के लिए जेल में बंद गुरमीत राम रहीम ने अपनी मां नसीब कौर और पुत्र जसमीत सिंह को जिम्मेदारी सौंपी। डेरा के स्थापना दिवस पर बड़ा कार्यक्रम हुआ। नसीब कौर के सामने आने से अटकलों का दौर चल पड़ा कि अब शायद डेरे की कमान उन्हें सौंपी जाएगी। 

सहारा तो लिया मगर गद्दी नहीं दी
डेरा में माता के नाम से जानी जाने वाली नसीब कौर ने जैसे ही डेरे की गतिविधियों में अपनी भागीदारी तय करनी शुरू की तो कहीं न कहीं डेरा की गद्दी को लेकर भी उनका नाम जोड़ा जाने लगा। डेरे के सूत्रों के अनुसार नसीब कौर को आगे लाने के पीछे प्रमुख कारण कुछ और नहीं, बल्कि डेरा से कम हो रहे भक्तों को साथ जोड़े रखने का ही प्लान था। कमोबेश आज यह प्लान सार्थक भी दिखा, क्योंकि करीब 8 माह के अंतराल में डेरा से काफी लोग छिटकते दिखे मगर आज डेरा फिर से उसी दौर में दिखा जैसे पूर्व में यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती थी। फिलहाल खास बात यह थी कि डेरे की गतिविधियों में डेरा प्रमुख की मां नसीब कौर सक्रिय तो है लेकिन गद्दी किसी को नहीं सौंपी गई है। लिहाजा यह सब अटकलें ही साबित हुई हैं। चूंकि डेरा की गद्दी आज भी विरान ही थी और नामचर्चा में चर्चा सिर्फ डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की ही थी जबकि डेरा का शाही परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था।

Deepak Paul