एक बार फिर मम्मड़ नहर में हुई लीकेज किसानों की मुस्तैदी से बच गई फसलें

7/16/2018 2:53:45 PM

बड़ागुढ़ा(रेशम): गांव सुबाखेड़ा के पास सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते एक बार फिर मम्मड़ नहर में दरार आ गई लेकिन किसानों की मुस्तैदी से समय रहते ही बांध को मजबूत किया गया। अगर किसान नहर से हो रही लीकेज को न रोकते तो किसानों की फसलों को भारी नुक्सान हो जाता। सिंचाई विभाग द्वारा 15 दिनों की बंदी के बाद 14 जुलाई रात्रि को ही पानी छोड़ा गया था। 

सुबह ही नहर में पानी मम्मड़ व सहदेवा तक पहुंचा लेकिन गांव सुबाखेड़ा के पास अचानक नहर में चूहों के बिल के कारण एक बार फिर लीकेज हो गई। वहीं किसान जब नहर पर पानी देखने गए तो नहर की हो रही लीकेज को देखकर किसानों के होश उड़ गए। किसानों ने अन्य किसानों को सूचना दी व विभाग को नहर लीकेज की सूचना दी। किसान खुद ही मिट्टी डालकर पानी की लीकेज को रोकते रहे। पानी का बहाव तेज न होने के चलते समय रहते किसानों ने लीकेज पर काबू पा लिया। वहीं विभाग भी सूचना मिलने के बाद काफी समय बाद मौके पर पहुंचा। जेसीबी की सहायता से बांध की मजबूत किया गया, तब किसानों ने राहत की सांस ली।

पहले भी आ चुकी है दरार
यहां बता दें कि बीती 22 जून को भी नहर में जब पानी छोड़ा गया था तो इसी जगह के नजदीक ही नहर में दरार आ गई थी जिससे किसानों की सैंकड़ों एकड़ फसल जलमग्र हो गई थी। किसानों ने कहा कि विभाग की लापरवाही के चलते ही पिछली बार भी नहर टूट गई थी और एक बार फिर फसलों का नुक्सान होते होते बच गया, जबकि विभाग की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। इस संबंध में सिंचाई विभाग के एस.डी.ओ. राजेंद्र खर्ब से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल स्विच आफ मिला।

Rakhi Yadav