सूचना आयोग के आदेश, लोक सेवकों की डिग्रियां सार्वजनिक करो

2/9/2018 12:31:33 PM

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा राज्य सूचना आयोग ने राजनीतिक व्यक्तियों की डिग्री से जुड़े एक मामले में अहम आदेश दिया है। राज्य सूचना आयुक्त हेमंत अत्री ने सांसदों एवं विधायकों द्वारा नामांकन के समय दाखिल किए जाने वाले शपथ-पत्र के साथ उनकी शैक्षणिक योग्यताओं की प्रति अनिवार्य किए जाने के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा है कि तमाम शंकाओं के चलते रह-रहकर जिस तरह से आर.टी.आई. आवेदकों को इन डिग्रियों की प्रति लेने के लिए भटकना पड़ रहा है। यह स्वस्थ लोकतंत्र प्रणाली के चलते जनहित में ठीक नहीं है।

सूचना आयुक्त ने यह टिप्पणी आर.टी.आई. आवेदक हरेंद्र ढींगरा द्वारा हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर की डिग्री के मामले में सुनवाई के दौरान की। सूचना आयुक्त हेमंत अत्री ने कहा कि लोक सेवकों की शैक्षणिक योग्यताओं के लिए पारदॢशता और जवाबदेही तय करने के लिए यह आवश्यक है कि नामांकन के समय दाखिल होने वाले शपथपत्रों के साथ इन डिग्रियों की प्रति लगाना आवश्यक हो ताकि आम लोगों के मन में इसके प्रति किसी भी तरह की शंका न रहे। उन्होंने मंत्री कार्यालय के जनसूचना अधिकारी को एक सप्ताह के भीतर इस आशय का शपथपत्र देने को कहा कि उनके रिकार्ड में मंत्री की ऐसी कोई डिग्री मौजूद नहीं है।

साथ ही आवेदन की प्रति पंजीकृत डाक के जरिए 48 घंटे के भीतर ङ्क्षहदी वि.वि., इलाहबाद और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तत्काल स्थानांतरित करने के आदेश भी दिए गए हैं। उन्होंने माना कि बेशक इस मसले पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग को किसी भी तरह का निर्देश देना सूचना आयोग के अधिकार क्षेत्र के बाहर है फिर भी लोक सेवकों के प्रति उनके निर्वाचकों का विश्वास कायम रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि नामांकन के समय शपथपत्र के साथ उनकी शैक्षणिक योग्यताओं की डिग्रियां अनिवार्य कर दी जाएं। अत्री ने उम्मीद जताई कि इस मामले में बहुत देर हो जाने से पहले न्यायपालिका, केंद्रीय निर्वाचन आयोग और विधायिका जल्दी ही कोई फैसला लेगी, जिससे कि लोक सेवकों की योग्यताओं के प्रति आम आदमी के मन में तनिक भी शंका न रहे।