सम्मेलन के जरिए अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेगा पंजाबी समाज

9/21/2018 11:52:08 AM

सिरसा(सेतिया): पंजाबी समाज के सियासी, कृषि, सेहत से लेकर तमाम तरह के अधिकारों को लेकर अब हरियाणा पंजाबी सिख समाज अलख जगाएगा। इस कड़ी में 23 सितम्बर को सिरसा की अनाजमंडी में विशाल पंजाबी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन के जरिए जहां पंजाबी समाज से ताल्लुक रखने वाले प्रत्येक वर्ग को इक_ा किया जाएगा, वहीं उनके हकों को लेकर आवाज बुलंद करने के साथ-साथ पंजाबी समाज को एकजुट करने की रणनीति बनाई जाएगी। 

हरियाणा पंजाबी सिख समाज के सरपरस्त मलकीत सिंह गंगा, संरक्षक परमजीत सिंह माखा, राजेंद्र सिंह देसूजोधा, बलदेव सिंह मांगेआना व मलकीत सिंह खालसा ने संवाददाता से बातचीत में कहा कि देश की आजादी के लिए पंजाबी समाज के लोगों ने 83 फीसदी कुर्बानियां दी। इसके बावजूद आज यह समाज सियासी, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। ऐसे में अपने हकों के लिए इस समाज के लोगों को इकट्ठा होना होगा। एकजुट होकर अपने हकों की आवाज को बुलंद करना होगा। 

गौरतलब है कि पंजाबी समाज को लेकर हमेशा भ्रांतियां फैलाई गईं। असल में जो भी पंजाबी भाषा, आचार-व्यवहार में ढला हुआ है वो पंंजाबी है। ऐसे में पंजाब के साथ सटे हरियाणा में पंजाब के बाद सबसे अधिक पंजाबी आबादी बसती है। पंजाबी नेताओं ने कहा कि हरियाणा में पंजाबी समाज की आबादी करीब 42 फीसदी है, लेकिन यह तबका आज सरकारी नौकरियों से वंचित है। इसके अलावा अपने बुनियादी अधिकारों से भी अछूता है। 

सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन का कारण भी इस समाज की उपेक्षा करना रहा है। ऐसे में पंजाबी समुदाय का यह कर्तव्य बनता है कि वे 23 सितम्बर को सिरसा में होने वाले सम्मेलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर अपने हकों की लड़ाई को आगे बढ़ाएं। पंजाबी नेताओं ने कहा कि 23 सितम्बर के सम्मेलन को लेकर पंजाबी समाज में उत्साह का माहौल है और इस सम्मेलन में हजारों लोग शिरकत करेंगे। संतों की नगरी सिरसा में होने वाला यह सम्मेलन समाज में बदलाव की लहर लाएगा।
 

Rakhi Yadav