शिक्षक ने बदल डाली गांवों के सरकारी स्कूलों की छवि

10/4/2019 2:22:34 PM

डबवाली (संदीप): आमतौर पर सरकारी स्कूल की छवि के रूप में छत से टपकता पानी, टूटे-फूटे शौचालय, ग्राऊंड में उगी झाडिय़ों का नजारा सामने आता है। कोई भी सरकारी स्कूल का नाम लेने पर क्या ये सोच सकता है कि वहां पर बच्चों के लिए साइंस पार्क, स्मार्ट क्लास, अच्छी क्वालिटी का मिड-डे मील, बच्चों को समय-समय पर शैक्षणिक भ्रमण के लिए बाहर ले जाना, बस से बच्चों को घर से स्कूल तक ले जाना हो।

ऐसी सुविधाएं तो प्राइवेट स्कूलों तक में नहीं होती है। यहां हम बात कर रहे हैं डबवाली उपमंडल के गांव पाना के सरकारी मिडल स्कूल की। गांव पाना का राजकीय मिडल स्कूल जिला के अन्य स्कूलों से काफी अलग है।गांव पाना के स्कूल में कुल 162 बच्चे पढ़ते हैं। 2 वर्ष पहले इस स्कूल की कमान पूर्व में गांव चकजालू के सरकारी स्कूल में मुख्याध्यापक रहे पालविंद्र शास्त्री के हाथों में आई। पालविंद्र शास्त्री ने अपने चकजालू के कार्यकाल में स्कूल का कायाकल्प किया था। इसके चलते चकजालू स्कूल को सौंदर्यीकरण में खंड के बैस्ट स्कूल का अवार्ड भी मिला था। 

ऐसे किया पाना के सरकारी स्कूल का कायाकल्प
पाना के मिलड स्कूल का कार्यभार संभालते ही मुख्याध्यापक पालविंद्र शास्त्री ने सबसे पहले ग्राम पंचायत से सहयोग मांगा। गांव की पंचायत ने स्कूल का कायाकल्प करने के लिए दिल खोलकर साथ दिया। गांव के स्कूल के पूरे भवन पर अच्छी क्वालिटी का पेंट किया गया। इसके बाद पूरे स्कूल में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए। स्कूल में आग लगने पर बचाव के लिए फायर सेफ्टी यंत्र लगाए गए।

इसके साथ ही बच्चों को अग्रि से बचाव के लिए जागरूक भी किया गया। स्कूल में भूकंप आने के अलावा अन्य किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सायरन भी लगाया गया। साथ ही बच्चों को बताया गया कि अगर सायरन कभी बजे तो समझें की कोई आपात स्थिति आई है। ऐसे में सभी बच्चों को कक्षाओं से बाहर आना है। मिड-डे मील में हरी सब्जियों के लिए स्कूल में ही सब्जी उगाई गई। छात्र-छात्राओं को स्कूल में बेहतर सुविधाएं मिलने लगीं तो बच्चों की संख्या में भी इजाफा होने लगा।

पड़ोस के गांवों से भी बच्चों ने पाना के सरकारी स्कूल में दाखिला लिया। इन बच्चों को इनके गांव से स्कूल तक लाने के लिए गांव की पंचायत ने बस भी मुहैया करवा दी। स्कूल के मुख्याध्यापक पालविंद्र शास्त्री के मुताबिक अब स्कूल में इंडो-इजरायल फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना के स्कूल से सब्जी प्लांट लगाने की तैयारी है। इसके साथ ही बच्चों को आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश के मनाली में टै्रकिंग के लिए भेजा जाएगा।

पालविंद्र शास्त्री ने बताया कि गांव पानी के सरकारी स्कूल के बच्चे स्काऊट में राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश के पंचवटी में ट्रेङ्क्षनग करके आ चुके हैं। इसके साथ ही बच्चों को समय-समय पर शैक्षणिक भ्रमण करवाया जाता है। मौजूदा समय में स्कूल में 91 बच्चे मिडल व प्राइमरी में 71 बच्चे हैं। पड़ोसी गांव माखा व खोखर से 60 के करीब बच्चे इस स्कूल में पढऩे आ रहे हैं। 
 

Isha