रानियां हलका बन रहा नशेडिय़ों का मुख्य ‘अड्डा’

2/27/2020 2:38:38 PM

रानियां (सतनाम) : 5 साल पहले हलका रानियां में जहां अफीम व पोस्त का नशा आमतौर पर बिकता था और इस नशे को खाने वाले लोग गांव मेंं बहुत ही कम थे। जो लोग काफी धनवान होते थे, वे लोग अक्सर अफीम का सेवन करते थे और दूसरे लोग पोस्त खाकर अपना नशा करते थे। मजदूर वर्ग व ड्राईवर पोस्ट खाकर अपने कार्य में व्यस्त रहते थे। हलका रानियां मेंं इसके बाद नशीली गोलियों ने पैर पसारे। 

मजदूर वर्ग व नशेड़़ी पोस्ट व अफीम को छोड़कर नशीली गोलियों की दुनिया में डूब गए। सरकार व पुलिस प्रशासन इक्का-दुक्का लोगों को पकडऩे लगी और नशा हलका रानियां को अपनी गिरफ्त में लेता गया। गोलियां के कुछ माह के बाद हलका रानियां में एक ऐसा नशा आया। जिसने युवा वर्ग का ध्यान बिल्कुल अपनी ओर खींच लिया। पिछले 3-4 सालों से शुरू होकर यह नशा आज तक हलका रानियां के नौजवानों को अपना गुलाम बना लिया है। वह नशा कौन सा है। उस नशे को हलके में चिट्टा के नाम से जाना जाता है। इसे हैरोइन कहते हैं।

यह नशा काफी महंगा है लेकिन फिर भी हलका रानियां के नौजवान इस नशे को कर रहे हैं। सरकार व पुलिस प्रशासन आज तक नशे पर अनेक सैमीनार व जागरूकता शिविर लगा चुकी है लेकिन नशा दिनोंदिन बढ़ रहा है। हलका रानियां का कोई भी गांव ऐसा नहीं बचा है जो इस नशे की चपेट में न आया हो। कुछेक  गांव तो ऐसे हैं, जहां पर आधे या ज्यादा नौजवान इस नशे की लत पर लगे हुए हैं। अब हलके में ऐसी स्थिति बन गई है कि हर रोज किसी न किसी गांव में नशे के कारण युवा मौत का शिकार बन रहे हैं।

परिवार में नौजवान लड़के की मौत के बाद उनके परिवार बिखर गए हैं। ऐसे में उनके बच्चे व पत्नी का भविष्य दांव पर लग गया है लेकिन पुलिस प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण रानियां हलके में दिनोंदिन नशे की बढ़ौतरी हो रही है और नशा युवाओं को अपनी गिरफ्त में लेकर डकार रहा है। 

Isha