दलित युवक मौत मामला: अनपढ़ भाई के हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़े में फंस गई पुलिस

10/27/2015 4:23:52 PM

सोनीपत (पवन राठी): गोहाना के दलित युवक गोविंदा की मौत के मामले में प्रदेश सरकार और पुलिस की मुश्किल बढ़ती जा रही है। सोमवार को एससी.एसटी आयोग ने पुलिस द्वारा दी गई एक्शन टेकन रिपोर्ट को न केवल खारिज कर दिया, बल्कि पी.जी.आई. रोहतक के मैडिकल बोर्ड द्वारा तैयार की गई। पोस्टमार्टम को भी मानने से इंकार कर दिया।

आयोग ने साफ किया है कि न तो पुलिस के पास अब तक इसका कोई गवाह है कि गोविंदा ने सुसाइड किया है साथ ही बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम कराने के लिए ली गई सहमति का भी पुलिस जवाब नहीं दे सकी है।

आयोग ने मामले की जांच के लिए बनाई गई एस.आई.टी. की जांच को भी मानने से इंकार करते हुए इसके निर्माण पर प्रश्नचिन्ह लगाया। अब 16 नवंबर को आयोग ने समन जारी करके डीसी व एसपी के साथ आई.जी. रोहतक रेंज को भी तलब किया है।

जानकारी के अनुसार, गोहाना में दलित युवक गोविंद को कबूतर चोरी के आरोप में पुलिस थाने ले गई थी, लेकिन अगले दिन संदिग्ध हालात में गोविंद का शव उसके परिजनों को मिला। गोविंद के परिजनों ने पुलिस पर गोविंद की हत्या का आरोप लगाया।

पूरा मामला मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का ऐलान भी किया लेकिन राज्य मानवाधिकार आयोग का मानना है कि चूंकि आरोप पुलिस प्रशासन पर लगे हैं। इसलिए यह मामला मानवाधिकारों के हनन का भी है।

गोहाना के देवीनगर निवासी 15 वर्षीय गोविंदा का शव 22 अक्टूबर की सुबह एक मकान में मिला। भाई गौतम ने बताया कि गोविंदा और उसके एक साथी का नाम चोरी के एक मामले में आ रहा था। पुलिस ने गोविंदा को पूछताछ के लिए बुलाया था।

गौतम का कहना था कि वह खुद उसे थाने में छोड़कर आया था। अगले दिन गोविंदा का शव मिला। आरोप है कि पुलिस ने गोविंदा की हत्या कर दी और शव को घर के पास एक मकान में फेंककर चले गए।

पुलिस ने 2 ए.एस.आई. के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर रखा है। मामले को लेकर परिजनों ने 3 घंटे तक बरोदा रोड व रोहतक.पानीपत रेलवे लाइन जाम किए रखा। एससी.एसटी आयोग के सदस्य ईश्वर सिंह ने गोहाना पहुंच कर 26 अक्तूबर को डीसी व एसपी को रिपोर्ट लेकर तलब किया था।