हल्की ठंड के साथ बढ़ा अस्थमा के मरीजों का ग्राफ

10/13/2019 1:27:07 PM

सोनीपत  (स.ह.): पिछले कुछ सप्ताह से वातावरण में बढ़ी नमी ने अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है, जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ठंड बढऩे के साथ ही नागरिक अस्पताल में अस्थमा की ओ.पी.डी. संख्या भी 100 का आंकड़ा पार कर गई है। जबकि जुलाई व अगस्त माह में बेहद कम संख्या में नागरिक अस्पताल में अस्थमा के मरीज पहुंच थे।  गौरतलब है कि सर्दियों के सीजन में प्रदूषण का स्तर बढऩे लगता है। वातावरण में ओंस की वजह से प्रदूषित कण ऊपर नहीं जा पाते। ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत आती है। 


यही नहीं, अस्थमा के मरीजों के लिए समस्या और भी अधिक बढ़ जाती है। अक्तूबर माह की शुरूआत के साथ ही जिले के तापमान में गिरावट आनी शुरू हो चुकी है। इसके अतिरिक्त दशहरे, दीपावली जैसे पर्व पर पटाखे जलने, फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाएं आदि होने से प्रदूषण के स्तर में भी इजाफा होता है। जिसका सीधा असर अस्थमा के मरीजों पर पड़ता है।  

अस्थमा के मरीजों की संख्या बढऩे लगी
सॢदयों की शुरूआत के साथ ही अस्थमा के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। जुलाई माह में अस्थमा के 70 मरीज सामने आए थे परंतु अगस्त माह में इनकी संख्या बढ़कर 90 तक पहुंच गई। वहीं, अगर सितम्बर की बात करे तो यह आंकड़ा 120 मरीजों तक पहुंच गया। अक्तूबर में भी मरीजों की ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त तैयारियां करनी शुरू कर दी गई। अस्थमा के डाक्टरों को निर्देश जारी किए गए है कि वे ओ.पी.डी. के समय गैरहाजिर न रहे। इसके अतिरिक्त लोगों को अस्थमा की रोकथाम के प्रति जागरूक करने की रूपरेखा भी कर ली गई है। 

अस्थमा रोग से बचने के उपाय 
अस्थमा रोग से पीड़ित मरीजों को धूम्रपान और धूल से दूर रहना चाहिए। सुबह और दिन में गुनगुना पानी पीना चाहिए। पीड़ितों को मौसम के हिसाब से कपड़े डालने शुरू कर देने चाहिए, ताकि ठंड लगने की वजह से अस्थमा पीड़ित व्यक्ति की सांस की नली में सूजन न आए। वही रात को खांसी आने पर गर्म पानी की भांप ले, इससे मरीज को राहत मिलेगी।  आवश्यकता पडऩे पर नजदीकी प्राथमिक उपचार केंद्र या सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए जाए। 

Isha