राजेश दहिया ने यशपाल मलिक को भेजा लीगल नोटिस

9/26/2016 3:47:30 PM

गोहाना (सुनील जिंदल): गोहाना अखिल भारतीय आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अखिल भारतीय आरक्षण संघर्ष समिति के पूर्व जिला अध्यक्ष राजेश दहिया ने यशपाल मलिक को लीगल नोटिस भेजा है। 

दहिया ने मलिक को लीगल नोटिस भेजकर पूछा है कि आखिर उसे संगठन से किस आधार पर निकाला है। संगठन का सदस्य होने के नाते उसे अब तक के चंदे का ब्यौरा दिया जाएगा। एक माह में पूरा रिकार्ड व निकालने की वजह नहीं बताई गई तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे।

राजेश दहिया ने लीगल नोटिस में दावा किया है कि यशपाल मलिक को उनको उनको हटाने का कोई अधिकार ही नहीं है। उनके अनुसार अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति किसी का निजी नहीं बल्कि एक संगठन है। संगठन में किसी को भी हटाने से पहले एक प्रक्रिया का पालन करना होता है। पहले हटाए जाने वाले व्यक्ति को नोटिस देना होता है। नोटिस में उस पर लगे आरोपों का उल्लेख होता है जिनकी सफाई देने का मौका दिया जाता है। लिखित उत्तर प्राप्त होने पर कोई पदाधिकारी नहीं, बल्कि एक विशेष कमेटी निर्णय करने में सक्षम होती है।

राजेश दहिया ने बताया कि उसने विधिवत रूप से निर्धारित 10 रुपए शुल्क की जगह 1110 रुपए चंदा दिया था। तब जाकर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य बने थे। ऐसे में इस संगठन में यशपाल मलिक भी एक सदस्य हैं।

जाट समुदाय के लोगों ने बड़ी अपेक्षा के साथ यशपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था मगर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए केवल अपना हित साधने में जुट गए। आरक्षण के नाम पर राजनीति कर रहे है। आरक्षण के नाम पर यशपाल के बुलाने पर लाखों युवकों ने रैली में भाग लिया जिससे न केवल सरकार ने उनको जेलों में ठूंसकर उन पर अनेक मुकद्दमें ठोके, बल्कि दर्जनों युवकों को जान भी गंवानी पड़ी। 

यशपाल मलिक ने रैली करके कहा कि उनकी सरकार से बात हो गई है कि किसी को भी अब पुलिस नहीं पकड़ेगी। मगर 2 दिन पहले सोनीपत में अकेले दर्जनों युवकों को पुलिस ने नोटिस भेजकर गिरफ्तार करने की बात कही है। इसलिए अब वे मलिक से हिसाब लेकर रहेंगे।