योगेश्वर दत्त ने की Engagement, जनवरी में बजेगी शादी की शहनाई (Pics)

10/10/2016 2:00:24 PM

गोहाना (सुनिल जिंदल): गोहाना के भेसवाल गांव के रहने वाले ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त की कांग्रेस नेता जयभगवान शर्मा की बेटी शीतल के साथ रविवार की शाम सगाई हो गई। कुंडली के नजदीक दिल्ली बार्डर पर स्थित निजी रेस्टोरेंट में सगाई हुई।

बड़े-बड़े नेताओं ने योगेश्वर व शीतल को दिया आशीर्वाद
इस सगाई में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरलीमनोहर जोशी, उनकी बेटी डॉक्टर रश्मि आहूजा, सांसद एवंभारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण, कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई, इनेलो नेता दिग्विजय चौटाला, आप प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पूर्व राजनीतिक सलाहकार प्रोफेसर विरेंद्र, आई.जी. डॉक्टर सुमन मंजरी, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, अंतर्राष्ट्रीय रैफरी बिजेंद्र मलिक ने योगेश्वर व शीतल को आशीर्वाद दिया। 

जनवरी में बजेगी शादी की शहनाई
मंगनी समारोह में पहलवान बजरंग पूनिया, योगेश्वर के पैतृक गांव भैंसवाल के दोनों सरंपच और योगेश्वर के परिजन व रिश्तेदार मौजूद रहे। 16 जनवरी को दिल्ली के अलीपुर स्थित बैंक्वेट हॉल में योगेश्वर व शीतल 7 फेरे लेंगे। यहीं पर पहलवान सुशील कुमार की शादी हुई थी। सोनीपत के मॉडल टाउन में रह रहे शीतल के पिता जयभगवान ने शादी के लिए बैंक्वेट हॉल भी बुक करवा दिया है।

4 बार खेल चुके हैं ओलंपिक
आपको बता दें, योगेश्वर दत्त लगातार 4 बार ओलंपिक खेल चुके हैं। 2012 में लंदन ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता था, लेकिन अब रियो ओलंपिक में वे चूक गए। उनके गुरू व लोक गायक मास्टर सतबीर ने उनका रिश्ता रोहतक के हुमायूंपुर गांव के नंबरदार व कुलदीप बिश्नोई के बेहद करीबी जयभगवान शर्मा की बेटी शीतल तय करवाया था। साथ ही योगेश्वर व जयभगवान का परिवार 1998 से एक-दूसरे को जानते हैं। योगेश्वर की मंगेतर शीतल जे.बी.टी. व सी.टे.ट करने के बाद सोनीपत के जी.वी.एम. कॉलेज से बी.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा है। शादी के बाद योगेश्वर व उनका परिवार तय करेगा कि आगे पढ़ाई जारी रखनी है या नहीं। 

योगेश्वर दत्त की मंगेतर शीतल कुलदीप बिश्नोई के साथ कांग्रेसी हुए जयभगवान शर्मा की इकलौती बेटी है। जयभगवान शर्मा 1991 में पूर्व सीएम भजनलाल से प्रभावित होकर राजनीति में आए। 1995 से 2000 तक रोहतक ब्लॉक समिति के चेयरमैन रहे। 2004 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सी.एम. के साथ कांग्रेस छोड़कर हजकां में आए, जहां वे हजकां की युवा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष बने। 2009 में सफीदों से हजकां की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। अब कुलदीप बिश्नोई के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।