हरियाणा की एक बहू ने रचा इतिहास, 48 साल बाद देश को दिलाया पदक (Pics)

9/13/2016 12:11:47 PM

सोनीपत (पवन राठी): भारत की दीपा मलिक ने रियो पैरालिम्पिक की महिलाओं की शॉटपुट स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया और इसके साथ ही वह पैरालिम्पिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई।

दीपा ने शॉटपुट स्पर्धा में अपने 6 प्रयासों में 4.61 मीटर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता और इसके साथ ही रियो पैरालिम्पिक में भारत के पदक संख्या को 3 तक पहुंचा दिया। बहरीन की फतिमा नेधम ने 4.76 मीटर के साथ स्वर्ण जबकि यूनान की दीमित्रा कोरकिदा ने 4.28 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता।

6 साल की उम्र में मार गया था लकवा
गौरतलब है कि दीपा मलिक को 6 साल की उम्र में लकवा मार गया था। उनके कमर के नीचे का पूरा हिस्सा पैरेलाइज्ड है। इस बीमारी की शुरुआत में पहले उनकी टांगों में कमजोरी की शिकायत आई थी। बाद में पता चला कि उनके स्पाइनल कॉर्ड में ट्यूमर है। इसके बाद उनका ऑपरेशन हुआ, लेकिन 1999 में दोबारा परेशानी महसूस होने के बाद उनका दूसरा ऑपरेशन हुआ। इसके बाद तीसरी सर्जरी हुई और उनकी स्पाइनल कॉर्ड डैमेज हो गई। अब वे व्हील चेयर के सहारे जिंदगी जीती हैं। लेकिन शॉटपुट की बेहतरीन एथलीट हैं। 

स्पोर्ट्स में बेहतरीन परफॉर्मेंस की वजह से दीपा का नाम अब तक 4 बार लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में आ चुका है। पहली बार उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में तब आया था जब उन्होंने यमुना नदी के बहाव की उल्टी दिशा में एक किलोमीटर की दूरी तैरकर तय की थी। दीपा ने अभी तक 54 नेशनल गोल्ड और 13 इंटरनेशनल मेडल्स जीते हैं।

दीपा की बेटी भी पैरा एथलीट
दीपा की बड़ी बेटी देविका भी पैरा एथलीट हैं। कई प्रतियोगिताओं में मां-बेटी साथ-साथ खेलती हैं। बेटी के नाम भी कई रिकॉर्ड हैं। दीपा के पति कर्नल बिक्रम सिंह भी अब वी.आर.एस. लेकर घर आ चुके हैं और ट्रेनिंग में पत्नी और बेटी की मदद करते हैं।