गर्मी ने बढ़ाया ब्रेक डाऊन का ग्राफ, किसान परेशान

4/6/2019 2:50:07 PM

सोनीपत: अप्रैल माह की शुरूआत के साथ ही तापमान में हुई वृद्धि ने शूगर मिल प्रशासन की ङ्क्षचताओं को बढ़ा दिया है। गर्मी की वजह से अब मिल में ब्रेक डाऊन की घटनाएं भी बढऩी शुरू हो गई हैं। जिसका खमियाजा किसानों को भी झेलना पड़ रहा है। पिछले 4 दिनों में करीब 30 घंटे का ब्रेक डाऊन हो चुका है। सोनीपत के साथ-साथ रोहतक, पानीपत, महम आदि मिलो में भी ब्रेक डाऊन की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं।

दरअसल, शूगर मिल में पिराई सत्र नवम्बर माह से अप्रैल माह के मध्य तक चलता है। अधिक गर्मी होने की वजह से मशीनों में फाल्ट आना शुरू हो जाता है। इस बार मार्च माह के अंत तक तापमान सामान्य बना हुआ था, जिसके चलते मार्च माह में मिल ठीक ढंग से काम कर रहा था, परन्तु अप्रैल माह की शुरूआत के साथ ही तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। दिन का अधिकतम तापमान 37 डिग्री तक पहुंच चुका है। ऐसे में मशीनों पर दबाव बढ़ रहा है। अन्य किसानों की मांग थी कि क्रम के हिसाब से ही तोल किया जाना चाहिए। कुछ समय के लिए तोल प्रक्रिया बंद हो गई। हालांकि शूगर मिल के सुरक्षा कर्मियों और किसानों के समझाने पर दोनों पक्ष शांत हो गए और तोल प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया गया।
 

करीब 8 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई होनी बाकी
सोनीपत शूगर मिल में अब तक करीब 17 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई हो चुकी है। वहीं सूत्रों के अनुसार अब भी खेतों में करीब 8 लाख क्विंटल गन्ना खड़ा हुआ है। जिसकी पिराई करने में कई सप्ताह का समय लग सकता है। जबकि सोनीपत शूगर मिल प्रशासन कोशिश कर रहा है कि अप्रैल के अंत तक पिराई को बंद किया जा सके, ताकि गर्मी की वजह से शूगर मिल में कोई बड़ा फाल्ट पैदा न हो सके।

सोनीपत के किसानों का 5 लाख क्विंटल गन्ना रोहतक और 5 लाख किं्वटल गन्ना गोहाना शूगर मिल में भी भेजा जाना है। इसमें से दोनों ही मिलों में करीब 3 लाख क्विंटल से ज्यादा गन्ने की पिराई हो चुकी है।गर्मी बढऩे से मशीनों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है। हालांकि मिल प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और समय रहते पिराई के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा।

“किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। पिराई क्षमता बढ़ाए जाने की वजह से यह सीजन ट्रायल सीजन के तौर पर लिया जा रहा है”।- सुशील कुमार, एम.डी., शूगर मिल।

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