राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में बड़े शिक्षण संस्थानों की दिलचस्पी नहीं

1/12/2019 11:46:37 AM

सोनीपत(दीक्षित): सपने दिखाए गए थे कि राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में विदेशों से विद्यार्थी आकर पढ़ेंगे लेकिन यहां तो देश के विद्यार्थी ही बमुश्किल जाना चाहते हैं। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी के प्रति देश-विदेश के बड़े संस्थानों की कोई दिलचस्पी नहीं है, जिसके कारण करीब 10 साल बाद भी अब तक 40 में से 28 साइट खाली पड़ी हैं। वहीं, जो संस्थान यहां पर खुल चुके हैं, उनकी हालत भी खास बेहतर नहीं है। करीब 2 हजार एकड़ में विकसित राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में अभी तक 40 में से कुल 12 का प्लाट आबंटित हुए हैं।

 इनमें भी वे संस्थान हैं, जो जिला स्तर तक सीमित हैं। जबकि दावा यह किया गया था कि यहां बड़े-बड़े नामी-गिरामी संस्थान अपना सैंटर शुरू कर हरियाणा की भावी पीढ़ी को बेहतरीन शिक्षा देंगे। पर ऐसा कुछ होने की उम्मीद अब कम ही है। सरकार को इसके लिए विशेष प्रयास करने होंगे। प्रदेश की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने वर्ष 2008 में सोनीपत के बीसवां मील पर करीब 2 हजार एकड़ में अपना ड्रीम प्रोजैक्ट राजीव गांधी एजुकेशन सिटी के नाम पर लॉन्च किया था।

इसमें कहा गया था कि विदेश के नामी बिजनैस, प्रबंधन, लॉ तथा दूसरे प्रोफैशनल कोर्स के संस्थान यहां अपने केंद्र स्थापित करेंगे। कहा तो यहां तक गया था कैम्ब्रिज और हार्बट यूनिवॢसटी तक के सैंटर होंगे। बिजनैस स्कूल ऑफ  लंदन की ब्रांच यहां आएगी, तो इलाके की आने वाली पीढ़ी को इससे लाभ मिलेगा लेकिन इस ड्रीम प्रोजैक्ट की हवा इतनी जल्दी निकली कि अब किसी को बताते भी नहीं बन रहा है। 

नहीं आया है कोई नया आवेदन : पवन कुमार 
इस बारे में राजीव गांधी एजुकेशन सिटी का कामकाज देख रहे हुडा के एक्स.ई.एन. पवन कुमार का कहना है कि विभाग का काम मूलभूत सुविधा देने का था। वह सारी तैयार हैं। एस.टी.पी. से लेकर सड़क और सीवरेज तक पूरा काम किया जा चुका है। जो संस्थान आए हैं, उनको भी किसी तरह की परेशानी नहीं है। जहां तक प्रोजैक्ट के विस्तार का मामला है, इसके लिए सरकार के स्तर पर काम होता है। हां, इन 12 संस्थानों के अलावा अभी कोई नया संस्थान आवेदन के लिए नहीं आया है।

Deepak Paul