अब आढ़तियों के हुए तेवर तीखे, उठान करवाया बंद

4/21/2019 11:08:43 AM

सोनीपत(स.ह.): अनाज मंडी में दिक्कतें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं। अब नया फसाद खड़ा हो गया है। आढ़तियों ने आरोप लगाया है कि एफ.सी.आई. गेहूं में नमी बताकर उसे वापस भेज रहा है। इस मामले से बिफरे आढ़तियों ने शनिवार को 12 बजे के बाद उठान बंद करवा दिया जिसके बाद स्थिति बेहद गंभीर हो गई। मंडियों में गेहूं की बोरियों के ढेर लग गए। जिले की मंडियों में 1 लाख एम.टी. से अधिक गेहूं का उठान होना बाकी है।

ऐसे में किसानों को अपना गेहूं उतारने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। सबसे अधिक समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में बने गेहूं खरीद केन्द्रों पर पैदा हो रही है। शनिवार को दोपहर बाद उठान नहीं हो पाया। दरअसल, जिले में इस बार लगभग 1 लाख 44 हजार हैक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई हुई थी। गत 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई थी परन्तु गेहूं मंडियों में दूसरे सप्ताह की शुरूआत में ही पहुंचना शुरू हुई थी।

वहीं चंद दिनों पहले बिगड़े मौसम के मिजाज के कारण भी गेहूं की कटाई और कढ़ाई प्रक्रिया प्रभावित हुई थी लेकिन अब पिछले 3 दिनों से मौसम साफ हो और मंडियों में गेहूं की आवक में काफी तेजी आई है। सरकार ने इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य 1840 रुपए निर्धारित किया है। 

गेहूं की गुणवत्ता को लेकर उठे विवाद पर बिफरे आढ़ती 
शनिवार को सोनीपत की नई अनाज मंडी में भी उठान प्रक्रिया विवादों में उलझ गई। अनाज मंडी के आढ़तियों ने प्रशासन के रवैये के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए दोपहर बाद उठान प्रक्रिया को रुकवा दिया। आढ़तियों ने आरोप लगाया कि सरकारी गोदामों में जो गेहूं भेजी जा रही है, उसकी गुणवत्ता को खराब यानी गेहूं में नमी बताकर आढ़तियों को परेशान किया जा रहा है। 

आढ़तियों ने कहा कि जो गेहूं मंडी मेंं पहुंच रही है, वही आगे भेजी जा रही है। इसकी गुणवत्ता आढ़ती कैसे सुधार कर सकते हंै। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर आढ़तियों को परेशान कर रही है। दोपहर बाद उठान न होने की वजह से सोनीपत अनाज मंडी में उठान की समस्या और अधिक गहरा गई है। 

करीब 60 हजार एम.टी. गेहूं का हो पाया उठान 
गेहूं खरीद के लिए जिले में 23 अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों की स्थापना की है। मंडियों में हर रोज 30 से 45 हजार एम.टी. गेहूं लेकर किसान पहुंच रहे हैं परन्तु उठान प्रक्रिया धीमी होने की वजह से किसानों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। शुक्रवार शाम तक जिले में 1 लाख 57 हजार एम.टी. गेहूं की खरीद विभिन्न एजैंसियों द्वारा कर ली गई थी लेकिन उठान प्रक्रिया रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। अब तक अनुमान के अनुसार करीब 60 हजार एम.टी. गेहूं का ही उठान हो पाया है।

शुक्रवार शाम तक यह आंकड़ा करीब 45 हजार एम.टी. गेहूं का था। समय पर उठान न होने की वजह से किसानों को मंडियों में गेहूं उतारने में दिक्कत झेलनी पड़ रही है। यही नहीं अगर मौसम का मिजाज बिगड़ता है तो खुले में रखी गेहूं के खराब होने का खतरा भी बढ़ सकता है। आढ़तियों की मानें तो गेहूं के उठान में देरी की वजह एफ.सी.आई. की कार्यप्रणाली और मजदूरों की कमी है।  अनाज मंडियों में धीमी उठान प्रक्रिया का असर गेहूं उत्पादक किसानों के साथ-साथ सरसों उत्पादक किसानों पर भी पड़ रहा है।

जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोनीपत नई अनाज मंडी की दुकान नम्बर 100 में बनाए गए सरसों खरीद केन्द्र को भी मजबूरी में निर्माणाधीन नई सब्जी मंडी से संचालित करना पड़ रहा है। नई मंडी में गेहूं की आवक अधिक होने की वजह से सरसों उत्पादक किसानों को खरीद केन्द्र के बाहर सरसों उतारने की जगह ही नहीं मिल पा रही थी जिसके बाद खरीद केन्द्र को नई अनाज मंडी के साथ बनाई जा रही नई सब्जी मंडी में ले जाना पड़ा लेकिन अब धीरे-धीरे गेहूं की बोरियां निर्माणाधीन नई सब्जी मंडी के अधिकतर हिस्सों तक पहुंच चुकी हैं। ऐसे में सरसों उत्पादक किसानों की समस्याएं और बढ़ सकती हैं। अब तक 1600 एम.टी. से अधिक सरसों की खरीद हो चुकी है। सरसों बेचने वाले किसानों की संख्या भी 800 के करीब पहुंच चुकी है। 

kamal