पुलिस ने 6 महिलाओं सहित 12 को हिरासत में लिया

7/15/2019 2:03:11 PM

सोनीपत (ब्यूरो): प्राइवेट स्कूलों व अस्पतालों की लूट के खिलाफ  आंदोलन कर रहे राज सिंह दलाल की गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को महिलाओं व पुरुषों सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। थाना शहर के सामने राजसिंह दलाल को रिहा करने की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच तनातनी बढ़ गई। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सी.एम. से मिलने जाने की बात पर पुलिस ने उनका रास्ता रोक लिया और लाठीचार्ज किया जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों पर लाठचार्ज किया गया। वहीं दूसरी तरफ  पुलिस ने लाठीचार्ज करने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा था लेकिन बार-बार समझाने पर भी प्रदर्शनकारी नहीं माने तो 6 महिलाओं सहित 14 को हिरासत में लिया गया है। 

विदित हो कि प्राइवेट स्कूलों व निजी अस्पतालों द्वारा साल दर साल मनमर्जी से बढ़ाई जाने वाली फीस के विरोध में सिविल सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह दलाल विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर लम्बे समय से विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं। 2 दिन पहले भी महिलाओं सहित प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे राजसिंह दलाल को पुलिस ने मुख्य गेट पर ही रोक दिया था। प्रदर्शनकारियों द्वारा अंदर जाने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

इस दौरान मुख्य गेट का शीशा टूट गया था जिसके बाद पुलिस ने राजसिंह दलाल के खिलाफ  केस दर्ज कर लिया था। रविवार सुबह पुलिस ने राजसिंह दलाल को गिरफ्तार कर लिया। राजसिंह दलाल की गिरफ्तारी सूचना के बाद महिलाएं व पुरुष विरोध स्वरूप सड़क पर उतर आए और सिटी थाना के सामने पहुंचकर पुलिस व प्रशासन के खिलाफ  नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने राजसिंह दलाल व अन्य पर दर्ज मुकद्दमें रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। 

सी.एम. से मिलने जा रहे लोगों का रोका रास्ता
प्रदर्शनकारियों ने मांग पूरी न होते देख सोनीपत में पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मिलने की योजना बनाई। प्रदर्शनकारी जब सी.एम. से मिलने जा रहे थे तो पुलिस ने उनका रास्ता रोक लिया और आगे नहीं जाने दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच तनानती हो गई। 

आंदोलन दबाने के लिए अपनाई जा रही दमनकारी नीति 
प्राइवेट स्कूलों की लूट के खिलाफ  आंदोलन कर रहे राजसिंह तथा महिलाओं पर मुकद्दमा दर्ज करना सरकार की तानाशाही और दमनकारी नीतियां हैं। जब भी कोई आंदोलन तेजी पकडऩे लगता है तो सरकार आंदोलन को दबाने के लिए दमनकारी नीतियां अपनाती है। शांति प्रिय आंदोलन कर रही महिलाओं पर मामला दर्ज करना सरासर गलत है और राजसिंह को गिरफ्तार करना सरकार की तानाशाही दर्शाता है। अगर महिलाएं उपायुक्त से मिलना चाहती थी तो उन्हें रोका क्यों गया। यदि हिरासत में लिए महिला-पुरुषों को नहीं छोड़ा गया और महिलाओं सहित राजसिंह पर दर्ज मुकद्दमा तुरंत रद्द नहीं किए गए तो मंगलवार को शहर के विभिन्न संगठन छात्र अभिभावक संघ, छात्र एकता मंच, भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे।

Edited By

Naveen Dalal