हत्या के मामले में कुख्यात सतीश उर्फ  मोना को उम्रकैद की सजा

5/18/2019 12:29:29 PM

सोनीपत (स.ह.): किलोहड़द गांव में वर्ष 2009 में रंजिश के चलते कुख्यात सतीश उर्फ  मोना ने गांव के ही व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में अब अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश गुप्ता की अदालत ने फैसला सुनाया। कुख्यात सतीश उर्फ  मोना को कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोषी करार दिया है। दोषी को उम्रकैद की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना किया है। जुर्माना न देने पर आरोपी को एक साल अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।  विदित रहे कि गांव किलोहड़द निवासी ईश्वर ने 13 मार्च, 2009 को पुलिस को बताया था कि उसके बेटे प्रवीण की गांव के सतीश उर्फ  मोना व अन्य ने गोली मारकर हत्या की है।  उसने तब बताया था कि 10 साल पहले उनका सतीश उर्फ  मोना व उसके परिजनोंं से झगड़ा हुआ था जिसमें ईश्वर का भाई अजीत गोली लगने से घायल हो गया था। साथ ही चचेरे भाई संदीप की मौत हो गई थी। उस मामले में सतीश उर्फ  मोना को सजा हो गई थी जिसमें उसने पैरोल पर आने के बाद 13 सितम्बर, 2009 को उसके बेटे प्रवीण को गोली मार दी थी। 
1 लाख का रखा था ईनाम
सोनीपत के मोस्टवांटेड सतीश उर्फ  मोना पर पुलिस ने 1 लाख रुपए का ईनाम रख रखा था। गुरुग्राम एस.आई.टी. ने उसे हिसार से मई 2017 में साथियों सहित पकड़ा था। आरोपी से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने कई खुलासे किए थे।
प्रवीण हत्याकांड के शिकायतकत्र्ता ईश्वर की कर चुका हत्या, उसमें हो चुकी उम्रकैद 
सतीश उर्फ  मोना को अब प्रवीण हत्याकांड में सजा हुई है। इससे पहले वह प्रवीण हत्याकांड में शिकायतकत्र्ता प्रवीण के पिता ईश्वर की भी हत्या कर चुका है। उस मामले में ईश्वर के दूसरे बेटे नवीन ने 23 मार्च 2016 को पुलिस को बताया था कि उसके पिता ईश्वर सिंह की होली के दिन सुबह 11 बजे गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। ईश्वर की हत्या के बाद परिजनों ने उसका शव लेने से मना कर दिया था। ईश्वर हत्याकांड में सतीश उर्फ  मोना को 30 नवम्बर, 2018 को उम्रकैद हो चुकी है।

Isha