खेल विभाग के अधिकारियों ने बिल में खेला लाखों का खेल!

6/14/2019 10:55:28 AM

सोनीपत(ब्यूरो): मोती लाल नेहरू खेल स्कूल राई में 9 से 11 फरवरी 2017 के बीच आयोजित हुई पंडित दीनदयाल उपाध्याय मैमोरियल अखिल भारतीय कबड्डी प्रतियोगिता के बिल में लाखों रुपए के हेर-फेर का मामला सामने आया है। गड़बड़झाले की मुख्यालय से जांच के निर्देश मिलने के बाद खेल विभाग के मौजूदा व पूर्व अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है। पूरे मामले की जांच के आदेश मुख्यालय से मिलने के बाद डी.एस.ओ. ने पूर्व डी.एस.ओ. प्रेम सिंह हुड्डा से खेल बिलों की डिटेल मांगी है। मामले की पोल तब खुली जब विभाग की ए.ओ. कमेटी द्वारा मई में निरीक्षण किया गया था।
 
गौरतलब है कि खेलों को बढ़ावा देने के चलते खेल विभाग की तरफ से मोती लाल नेहरू स्कूल राई में पंडित दीनदयाल उपाध्याय मैमोरियल अखिल भारतीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया था। प्रतियोगिता में काफी टीमों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान जो खिलाड़ी व कोच खिलाडिय़ों के मार्ग दर्शन करने के लिए लिए बाहर से आए थे, उनके रहन-सहन, खान-पान व आवागमन का जो खर्चा हुआ था, उन बिलों की डिटेल न मिलने के कारण खेल विभाग ने नोटिस जारी के करके कुछ दिन के अंदर इन बिलों को पूरा करवाने के लिए जवाब मांगा है।

जांच में नाम आने के बाद खेल विभाग में हलचल पैदा हो गई जिसके चलते मामले की पूरी तह तक जाने के लिए खेल विभाग मुख्यालय ने डी.एस.ओ. के पास पत्र लिखकर सभी आवश्यक बिलों के लिए जवाब मांगा है। मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद डी.एस.ओ. निर्मला देवी ने मामले को पूरी गम्भीरता से लेते हुए पूर्व डी.एस.ओ. प्रेम सिंह हुड्डा के पास पत्र जारी करते हुए कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान बिलों से जुड़ी समस्या का समाधान करने के लिए ब्यौरा मांगा है।

यही नहीं, मुख्यालय से जारी हुए पत्र में यह दर्शाया गया है कि मुख्यालय की तरफ से खेल की अनुमति राशि तय की गई थी तो उससे ज्यादा राशी खर्च क्यों की गई। मुख्यालय ने खेल विभाग से जुड़े लगभग 3 दर्जन बिलों की सूची मांगी है, जिसके लिए विभाग ने समय भी तय कर दिया गया है। मुख्यालय की तरफ से डी.एस.ओ. को जो जांच करने के लिए निर्देश मिले हैं, उन निर्देशों में यह भी पूछा गया है कि बस व अन्य यात्रा के लिए 3 लाख 75 हजार रुपए की राशि खर्च करने की अनुमति दी गई थी।

लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा 4 लाख 84 रुपए खर्च क्यों किए गए। यही नहीं, कुछ टीमों के खिलाडिय़ों, कोच व अधिकारियों को हवाई यात्रा व टैक्सी से सफर के किसी बिल को बनाने के दिशा निर्देश नहीं दर्शाए गए। कुछ प्रदेशों की कबड्डी टीम को पैसे दिए गए लेकिन जांच में उनके बिल नहीं मिले। 

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