सोनीपत शूगर मिल में 7 फ्लैवर की बनाई जाएगी चीनी

3/24/2019 2:50:39 PM

सोनीपत : घाटे में चल रही शूगर मिल को मुनाफा की दौड़ में शामिल करने के लिए मिल प्रशासन अब अलग-अगल फ्लैवर की चीनी बनाने की योजना पर काम कर रहा है।मिल प्रशासन ने लैमन, लिची आदि 7 फ्लैवर में चीनी बनाने के प्रोजैक्ट की रूपरेखा को फेडरेशन के पास भेजने की तैयारी पूरी कर ली है। ऐसे में अगर फैडरेशन से मंजूरी मिलती है तो जल्द ही सोनीपत शूगर मिल में अलग-अलग फ्लैवर की चीनी बननी शुरू हो जाएगी। जिसके बाद अच्छे दामों में चीनी बेचकर मिल प्रशासन मुनाफा कमा सकता है। 

गौरतलब है कि सोनीपत शूगर मिल में हर साल लाखों किं्वटल चीनी का उत्पादन किया जाता है परन्तु चीनी का सही दाम न मिलने की वजह से घाटा झेलना पड़ता है। जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में शूगर मिल से चीनी 31 से 32 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही है, जबकि उसे तैयार करने में 35 से 36 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खर्च आ रहा है। ऐसे में इस नुक्सान को कम करने के लिए शूगर मिल प्रशासन बेहतर किस्त की अलग-अलग फ्लैवर की चीनी बनाने की योजना तैयार कर रहा है। 

फ्लैवर की चीनी को 70 से 80 रुपए किलो के हिसाब से बेचा जा सकेगा
अलग-अलग फ्लैवर की चीनी बनाने के प्रोजैक्ट पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है। प्रोजैक्ट शुरू होने के बाद अलग-अलग फ्लैवर की चीनी को 70 से 80 रुपए किलो के हिसाब से बेचा जा सकेगा। यही नहीं, इस प्रकार की चीनी की डिमांड विदेशों में काफी है। सोनीपत शूगर मिल की इंजीनियर की टीम प्रोजैक्ट को लेकर मंथन कर रही है। फैडरेशन से बजट मिलता है तो जल्द ही इसे धरातल पर उतारा जा सकता है। 

गत वर्ष करीब 3 लाख 18 हजार ल चीनी का हुआ था उत्पादन 
सोनीपत शूगर मिल में हर साल लाखों किं्वटल चीनी का उत्पादन होता है। गत वर्ष सोनीपत शूगर मिल 203 दिनों तक चली थी। इस दौरान लगभग 32 लाख किं्वटल गन्ने की पिराई की गई थी। जिससे 9.9 प्रतिशत की बेहतर रिकवरी के साथ लगभग 3 लाख 18 हजार किं्वटल चीनी का उत्पादन किया गया था। मौजूदा पिराई सत्र के दौरान अब तक 15 लाख 70 हजार के करीब गन्ने की पिराई की जा चुकी है। मिल प्रशासन द्वारा लगभग 35 लाख किं्वटल गन्ने की पिराई का लक्ष्य रखा गया था परन्तु पिराई सत्र के शुरूआती चरण में आई तकनीकी खामियों की वजह से 10 लाख किं्वटल गन्ना गोहाना और रोहतक मिल में भेजा गया है। 

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