जमीनी विवाद को लेकर की ताऊ की हत्या व उसके बेटे को मारी गोली, आरोपी गिरफ्तार

9/18/2019 4:11:06 PM

सोनीपत (स.ह.): जमीनी विवाद में अपने ताऊ की हत्या करने व उसके बेटे को गोली मारने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश मलहोत्रा की अदालत ने युवक को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में आधा दर्जन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने दोषी को 1.20 लाख रुपए जुर्माने की भी सजा सुनाई है। 

गांव बुटाना निवासी देवेंद्र उर्फ देवा ने 15 अक्तूबर, 2017 को थाना बरोदा पुलिस को बताया था कि उसके भाई राजेंद्र व वीरेंद्र में खेत के रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। घटना की शाम को उसके भतीजे मोहित व अन्य ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसके भाई राजेंद्र उर्फ राजा की गोली मारकर हत्या कर दी। हमलावरों ने उसके भतीजे बेटे अरविंद पर भी हमला कर दिया। उसे गंभीर अवस्था में बी.पी.एस. मैडीकल कालेज खानपुर कलां ले जाया गया था, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे पी.जी.आई. रोहतक रैफर कर दिया गया था।

देवेंद्र ने बताया था कि वीरेंद्र व उसके बेटे रास्ता देने का दबाव बना रहे थे। जबकि परिवार के अन्य लोग धान की फसल काटने के बाद कोई रास्ता निकालने की बात कह रहे थे। राजेंद्र घटना की शाम को अपने खेत में गया था। जहां पहले से घात लगाकर बैठे उसके भतीजे मोहित व अन्य ने साथियों के साथ मिलकर उस पर हमला बोल दिया था। उन्होंने राजेंद्र को 5 गोलियां मार दी थीं। साथ ही तेजधार हथियार से भी उन पर हमला किया गया था।

हमले में राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई थी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी कुछ ही दूरी पर स्थित अखाड़े में गए जहां राजेंद्र का बेटा अरविंद था। वहां उस पर भी फायरिंग कर दी थी। गोली अरविंद के सिर में लगी थी। घायल को अस्पताल ले जाया गया था। पुलिस ने देवेंद्र के बयान मोहित व अन्य के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने मोहित व अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। 

मामले की सुनवाई करते हुए ए.एस.जे. राजेश मलहोत्रा की अदालत ने मामले में मोहित को दोषी करार दिया है। अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया। दोषी मोहित को आई.पी.सी. की धारा 302 में उम्रकैद की सजा व एक लाख रुपए जुर्माना तथा अवैध शस्त्र अधिनियम में 3 साल की कैद व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई गई है। 

Isha