कागजों में सिमटी स्वच्छता, नहीं होता कूड़े का उठान

1/19/2019 11:10:02 AM

सोनीपत: नगर निगम शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में बेहतर बनाने के लिए पैसे को पानी की तरह बहा रहा है, इसके बावजूद कूड़े को लेकर शहर के हालात बद से बदतर हैं। आलम यह है कि रेलवे स्टेशन स्थित क्षेत्र में कूड़े का उठान न करके उसे आग के हवाले किया जा रहा है। ये हालात तो तब हैं, जब केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा पूरे देश का स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है। यही नहीं 2 माह पहले एन.जी.टी. ने भी ऐसे मामलों को लेकर नगर निगम को कड़े निर्देश दिए थे, बावजूद इसके कूड़े जलाने की घटनाएं रुकने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही हैं। शहर का कुछ ही ऐसा हिस्सा बच्चा है जहां पर कूड़े जलाने की घटना न होती होंगी। कूड़े जलाने के मामलों को लेकर शहरवासियों ने नगर निगम पर लापरवाही व अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए हैं।बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के 4 हजार से ज्यादा शहरों का स्वच्छता को लेकर सर्वे किया जा रहा है, जो 4 जनवरी से शुरू हो चुका है। 

स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को बेहतर बनाने के लिए नगर निगम द्वारा जगह-जगह पर होॄडग लगाकर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। यही नहीं शहरवासियों को जागरूक करने के लिए निगम द्वारा स्वच्छता रथ, सक्षम युवा टीम, कैंप व जगह-जगह रंग-रोगन किए जा रहे हैं। निगम की इस जागरुकता पर शहरवासियों ने सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि शहर वासी तो इस संबंध में जागरूक है, लेकिन निगम ही कुभंकर्णीं नींद सोए हुए हैं। शहरवासियों ने कहा कि कोई शहरवासी अपने घर के पास कूड़ा जानबूझकर नहीं फैलाता उसे निगम द्वारा ही मजबूर किया जाता है वहीं रेलवे स्टेशन क्षेत्र में कई जगह पर कूड़े जलने को लेकर राहगीरों ने कहा कि निगम घरों के लिए तो नि:शुल्क डस्टबिन की सुविधा देकर वाह-वाही बटोर लेता है, लेकिन कूड़े उठाने पर बिल्कुल गंभीर नहीं है। रेलवे क्वार्टरों में रह रहे लोगों ने बताया कि आसपास क्षेत्र में कूड़े डालने की कोई जगह नहीं होने के कारण लोग यहीं उनके क्वार्टरों के पास कूड़ा डाल जाते हैं, जिसमें 24 घंटे आग जली रहती है। रेलयात्रियों ने नगर निगम अधिकारियों से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द यहां पर बड़े-बड़े डस्टबिन की व्यवस्था की जाए, ताकि लोगों को खुले में कूूड़ा डालने पर मजबूर न होना पड़े। 

Deepak Paul