नए सॉफ्टवेयर की मदद से अब रेलयात्रियों को मिलेगा बेहतर गुणवत्ता का खाना

7/17/2018 10:12:52 AM

सोनीपत(मनीष): यात्रियों की सुविधा के लिए टे्रनों के अंदर बनाई गई आई.आर.सी.टी.सी. की किचन में अक्सर छिपकली, कॉकरोच व चूहे जैसे अन्य जीवों की दिखाई देने की सूचना मिलती रहती थी। यही नहीं, कुछ बार खाने के अंदर भी छिपकली मिलने की यात्रियों द्वारा शिकायत दी जा चुकी है।

इस समस्या से यात्रियों को निजात दिलवाने के लिए रेलवे ने बेहतर टैक्नोलॉजी वाला सॉफ्टवेयर खोज निकाला है, जो न सिर्फ छिपकली व चूहे पर नजर रखेगा बल्कि कहीं छिपने के बाद उन्हें खोज निकालेगा। इस सॉफ्टवेयर को आई.आर.सी.टी.सी. के अंतर्गत आने वाली सभी किचन में इंस्टाल करना शुरू कर दिया है। 

बता दें कि इस सॉफ्टवेयर को एनॉलिटिकल कैमरों से जोड़ा गया है, जिससे जैसे ही किचन में कॉकरोच, चूहे, छिपकली जैसे दूसरे जीव दाखिल होंगे, वैसे ही इनकी जानकारी किचन की देखभाल कर रहे रेलवे अधिकारियों को मिल जाएगी। रेलवे उच्चाधिकारियों के अनुसार किचन में मौजूद जीवों को पता लगाने के लिए खास तरह का आॢटफिशियल इंटैलीजैंस ईजाद किया गया है, आॢटफिसियल इंटैलीजैंस वाले इस खास सॉफ्टवेयर में 16 फिल्टर्स लगाए गए हैं। इन फिल्टर्स के साथ सॉफ्टवेयर को एनॉलिटिकल कैमरों से जोड़ा गया है।

 सॉफ्टवेयर एनॉलिटिकल कैमरों को उन जीवों को पहचानने में मदद करेगा। जिनका प्रवेश किचन में वॢजत है। जैसे ही कोई जीव किचन में प्रवेश करेगा वैसे ही यह कैमरा उनकी पहचान करेगा और इसके इलैक्ट्रॉनिक संकेत सॉफ्टवेयर को भेज देगा। संकेत मिलते ही सॉफ्टवेयर किचन की देखरेख करने वाले रेलवे कर्मचारी के मोबाइल पर मैसेज भेज देगा कि किचन में कौन-सा जीव दाखिल हुआ है। 

यही नहीं, यह सॉफ्टवेयर रेलवे कर्मचारियों को यह भी बताएगा कि उक्त जीव किस रास्ते से किचन में प्रवेश हुआ है। उन सभी रास्तों को बंद कर दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार इससे पहले भी सॉफ्टवेयर का जीवों को ढूंढने के लिए इस्तेमाल होता था लेकिन 4 फिल्टर्स होने के चलते ये सॉफ्टवेयर पूरी तरह से किचन में पहुंचने वाले जीवों पर नजर नहीं रख पाते थे।


 
 

Rakhi Yadav