यमुना अलर्ट : 2 हजार एकड़ फसल डूबी

8/21/2019 3:27:29 PM

राई(सोनीपत): यमुना के रौद्र रूप से आतंकित आसपास के ग्रामीणों की रात दहशत में गुजरी व दिन ङ्क्षचता में। 24 घंटे से लगातार पानी का स्तर बढ़ रहा है और खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। वर्ष 2013 में यमुना में आए अधिकतम पानी से इस बार 15 प्वांइट ज्यादा पानी बह रहा है, हालांकि, नुक्सान 2013 से कम हुआ है। राहत की बात यह है कि बुधवार सुबह से पानी कम होना शुरू हो जाएगा। फिलहाल धान, मक्का व सब्जियों की करीब 2 हजार एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। तटबंध के पास टैंटों में ठहरे ग्रामीण मंगलवार सुबह ही अपनी डूबती फसलों की तरफ दौड़ पड़े और तैयार सब्जियों को काबू करने का प्रयास किया। इधर, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर न केवल ठीकरी पहरा बढ़ा दिया है बल्कि आसपास के गांवों को लगातार खाली करवाने का काम जारी है। खेड़ी अशदपुर, नंगला व टौंकी की ओर पानी बढ़ चला है। माना जा रहा है कि देर रात तक इन गांवों में पानी घुस जाएगा। ऐसे मे एहतियातन प्रशासन ने ग्रामीणों को खेतों की ओर जाने से रोकने के लिए फोर्स लगाई है। 

हथिनीकुंड बैराज से 3 दिन पहले छोड़ा गया 8 लाख 28 हजार क्यूसिक पानी सोनीपत में लगातार पहुंच रहा है। फिलहाल करीब 6 लाख क्यूसिक पानी सोनीपत में पहुंच चुका है। यमुना लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लगातार पानी बढऩे से आसपास की करीब 2 हजार एकड़ फसल पानी में डूब गई है। आसपास के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण मंगलवार को सुबह 6 बजे ही डूबती फसलों की ओर दौड़ पड़े, जिसके कारण प्रशासन की ङ्क्षचता बढ़ गई। हालांकि, कोई अनहोनी नहीं हुई। ग्रामीणों ने तैयार सब्जियों को तोड़कर लाने का प्रयास किया, लेकिन ज्यादातर सब्जी की फसलों को वे नहीं बचा सके। वहीं, धान व मक्का की फसल में भी लगातार जलभराव हो रहा है। गांव गढ़मिरकपुर के ग्रामीणों की सैंकड़ों एकड़ ईंख की फसल डूब गई। लगातार दूसरी रात को ग्रामीणों की नींद उड़ी रहेगी क्योंकि एक बार फिर रात के समय ज्यादा पानी आने की संभावना है।

फिलहाल, गांव टौंकी तक पानी पहुंच चुका है। प्रशासन ने दूसरे दिन भी पुलिस फोर्स के जरिए गांवों से बाहर निकाला, लेकिन ग्रामीणों ने लगातार फसल खराब होने की दुहाई देकर तटबंधों के भीतर जाना जारी रखा, जिससे प्रशासन की ङ्क्षचता बढ़ गई है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़ गए 8 लाख 28 हजार क्यूसिक पानी में से करीब 6 लाख क्यूसिक पानी मंगलवार को शाम 6 बजे तक पहुंच चुका था। पानीपत के सनौली गेज पर खतरे का निशान पार करते हुए पानी सोनीपत में पहुंचा तो यहां पर खतरे के निशान को पार कर गया। लगातार पानी बढऩे से आसपास के ग्रामीणों की ङ्क्षचता बढ़ गई। बताया गया है कि रात को ज्यादा पानी आ सकता है, लेकिन सुबह तक पानी कम होना शुरू हो जाएगा। 2013 में यमुना का जलस्तर 215 मीटर से नीचे था। उस समय काफी कटाव हुआ था और गांवों तक पानी पहुंच गया था। अब सोनीपत में 216 मीटर के करीब पानी बह रहा है और हजारों एकड़ फसल डूब चुकी है। हालांकि, कटाव ज्यादा नहीं हुआ है। यमुना के नजदीक के खेतों में 2 दिन पानी ठहरने की उम्मीद है। फिहलाल पानी तटबंधों को पार कर चुका है। 

Isha