3 माह में स्वाइन फ्लू के 9 मरीज, 3 की हो चुकी मौत

2/9/2019 12:07:16 PM

यमुनानगर(ब्यूरो): वर्ष 2018 में स्वाइन फ्लू के मात्र 2 केस सामने आए थे, वहीं दिसम्बर, 2018 से फरवरी तक 2019 तक 9 केस सामने आए जिसमें उपचार के दौरान 3 की मौत हो गई। जिन 3 की मौत हुई उनको पहले से कोई न कोई बीमारी थी। मरीजों की बढ़ती संख्या से जहां स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है, वहीं लोगों में भी इस बीमारी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। डाक्टर्स का कहना है कि यदि समय रहते बीमारी के लक्षण पता चल जाए तो इलाज संभव है उनका कहना है कि हर छोटी-मोटी बीमारी स्वाइन फ्लू नहीं होतीहै। इस बीमारी में जरूरी है कि लक्षण पहचाने और तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। 

इलाज संभव और पुख्ता प्रबंध : सिविल सर्जन
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विल सर्जन डा. कुलदीप सिंह ने बताया कि स्वाइन फ्लू का इलाज संभव है। स्थानीय अस्पताल में इस बीमारी से बचने के लिए पुख्ता प्रबंध है। निजी अस्पताल के संचालकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इस तरह के मरीज की रिपोॄटग स्वास्थ्य विभाग से करें। स्वाइन फ्लू से हर आदमी को डरने की जरूरत नहीं है, बस सावधानियां बरतने से बचा जा सकता है।

3 दिन में आती है रिपोर्ट
स्वाइन फ्लू के सैम्पल रोहतक चंडीगढ़ पी.जी.आई. और दिल्ली भेजे जाते हैं। तीसरे दिन इसकी रिपोर्ट मेल द्वारा प्राप्त हो जाती है। पुष्टि होने पर मरीज का उपचार शुरू कर दिया जाता है। पुष्टि होने वाले मरीज के साथ-साथ उसके परिवार के सभी सदस्यों को स्वाइन फ्लू से बचाव की दवाई दी जाती है।

यह हैं लक्षण
चिकित्सकों के अनुसार यदि बुखार के साथ बहती नाक खांसी और गले में खराश सांस लेने में कठिनाई हो रही है। इसके अलावा जोड़ों व सिर में दर्द हो रहा है। इसके अलावा थकावट व सर्दी लगना दस्त और उल्टी लगना थूक के साथ खून आना स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं। बुखार यदि 101 डिग्री एफ  है और तेज गति से सांसें चल रही हैं। ऐसे व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाएं। 

यह सावधानियां बरतें 
संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं। उसको गले न लगाएं। मुंह पर हमेशा मास्क लगा कर रखें। आंख व नाक को गंदे हाथों से न छुएं। संक्रमित व्यक्ति का जूठा न खाएं।
 

Deepak Paul